दिल्ली एम्स (Delhi AIIMS) में सोमवार को नर्सिंग कर्मचारियों (Nursing Staff Strike) की अनिश्चितकालीन हड़ताल पर दिल्ली हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है. हड़ताल सोमवार से शुरू हुई. सोमवार को एम्स के डायरेक्टर रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) ने नर्सिंग स्टाफ से काम पर आने को कहा लेकिन हड़ताल अभी भी जारी है.
हड़ताल को देखते हुए एक तरफ एम्स प्रशासन ने कार्रवाई का नोटिस जारी किया है तो अब दिल्ली हाईकोर्ट ने यूनियन की हड़ताल पर रोक लगा दी है. जस्टिस नवीन चावला (Justice Navin Chawla) द्वारा एम्स (AIIMS) की याचिका पर यह आदेश दिया गया है. सुनवाई के दौरान एम्स प्रशासन की तरफ से कहा गया कि नर्सिंग स्टाफ की मांगों पर विचार किया जा रहा है.
एम्स की तरफ से कोर्ट में कहा गया कि कोविड महामारी का समय है लिहाजा हड़ताल पर नहीं जा सकते. एम्स की दलील सुनने के बाद दिल्ली HC ने एम्स नर्स यूनियन को अगली सुनवाई तक अनिश्चितकालीन हड़ताल जारी रखने से रोक दिया है. इस मामले पर अगली सुनवाई 18 जनवरी को है.
नर्सिंग स्टाफ को जारी किया गया नोटिस
लंबे समय से चली आ रही मांगों को लेकर लगभग नर्सिंग सेवा से जुड़े 5,000 कर्मचारियों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू की, जिनमें छठे केंद्रीय वेतन आयोग के तहत वेतन बढ़ोतरी की मांग भी शामिल है. स्वास्थ्य मंत्रालय ने हड़ताल को लेकर कहा है कि किसी भी हाल में काम नहीं बंद होना चाहिए.
अगर ऐसा होता है तो डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के तहत कार्रवाई की जाएगी, जिसके बाद एम्स ने नर्सों को नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में कहा गया है कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सभी नर्स ड्यूटी पर रहें और अनिवार्य रूप से उपस्थिति दर्ज की जाए. जो अनुपस्थित हैं उन्हें चिन्हित किया जाएगा.
एम्स के नर्सिंग यूनियन अध्यक्ष हरीश कुमार का कहना है कि लंबे समय से अपनी मांगों को लेकर नर्सिंग कर्मचारी कभी निदेशक तो कभी स्वास्थ्य मंत्री से अपील कर रहे हैं. कुछ वक्त पहले स्वास्थ्य मंत्री के साथ हुई बैठक में एम्स के निदेशक भी मौजूद थे, उस वक्त सभी मांगों को स्वीकार कर लिया गया लेकिन अब तक उन पर अमल नहीं किया जा सका है.