देहरादून: ये हैं बेजुबान जानवरों की अन्नपूर्णा, कुत्ते वाली मैडम…

देहरादून: ये हैं 75 साल की बीना ओबोराय देहरादून के पॉश इलाकों में शुमार टर्नर रोड़ में आलीशान बंगलें में रहती हैं कुत्ते वाली मैडम। देहरादून के बेसहारा, घायल और भूखे बेजुबान जानवरों के लिए ये अन्नपूर्णा बन गई हैं। इन्होंने सड़क पर भूखे स्ट्रीट डॉग्स का पेट भरने का जिम्मा उठा रखा है। ये आवारा, बेसहारा और घायल स्ट्रीट डॉग्स जानवरों की सेवा में दिन-रात जुटी रहती हैं।

बीना ओबोराय अपनी एक सहयोगी के साथ आप को कभी भी वेलमेड अस्पताल, देहरादून या क्लेमेनटाउन कैंट एरिया में भूखे बेजुबान जानवरों को खाना खिलाते दिख जाएंगी। इच्छाशक्ति ऐसी कि 75 वर्ष की उम्र में खुद ही मारूति 800 कार चलाकर निकल पड़ती है बेजुबान जानवरों की ये अन्नपूर्णा। बीना कहती हैं पिछले 15 वर्ष से में स्ट्रीट डॉग्स को खाना दे रही हूं ये मेरे बहुत अच्छे दोस्त हैं। इस सराहनीय काम के लिए इनके पति और बच्चे भी इनकी मदद करते हैं।

इस काम के लिए लोग इन पर हंसते हैं। बीना का बहुत मजाक उड़ाते थे। लोग इन्हें कुत्ते वाली मैडम कहकर बुलाकर भी चिढ़ाते थे। लेकिन बीना ने हार नहीं मानी। जिस उम्र में लोग भक्ति भजन करते हैं उस उम्र में बीना ने अपनी जिंदगी बेजुबान जानवरों के नाम कर दी। बिना किसी सरकारी गैर सरकारी फंड के कुत्तों बेसहारा कुत्तों की देखभाल कर रही हैं। सालों से स्ट्रीट डॉग्स को खाना खिलाती हैं और उनकी देखभाल करती हैं।

 

बीना ओबोराय ने बताया कि भूखे बेजुबान जानवरों के देखकर मन बहुत रोता है, वो कहती हैं कि आप इन्हें खाना नहीं दे सकते तो कोई बात नहीं लेकिन इन बेजुबान जानवरों को मारना बंद कर दीजिए। कुछ दिन पहले मलिन बस्तियों के बच्चों ने कुत्ते के बच्चे की आंख फोड़ दी। कुछ लोग तो गले में चैन बांध कर जबरन खींचने लगते हैं बहुत दुख: होता है देखकर। हर समय हमें इनकी मदद करनी चाहिए। यह हमसे मांग नहीं सकते लेकिन हम इन्हें दे सकते हैं। उन्होंने मेनका गांधी के अपिल की है कि इन बेजुबान जानवरों के लिए कुछ कीजिए। ये बहुत दुखी हैं।

बेजुबान होने के कारण जानवर अपनी भूख का दर्द बयां नहीं कर सकते, लेकिन उन बेजुबान कुत्तों की तकलीफ को बीना से बेहतर कौन समझ सकता है। उन्हें बेजुबानों को लगने वाली भूख का पता है, उन्हें जानवरों की भूख के दर्द का अहसास हैं। तभी तो दर्जनों बेजुबान हर रोज उसका ऐसे इंतजार करते हैं, जैसे ही उनकी कार दिखाई देती हैं दौड़ कर चले आते हैं दर्जनों स्ट्रीट डॉग्स, जैसे वो उनकी समस्याओं का समाधान हो।

 

 

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