लेह ( नेटवर्क 10 संवाददाता ) : रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) आज लद्दाख (Ladakh) दौरे पर हैं. उनके साथ चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत और सेनाध्यक्ष जनरल एमएम नरवणे भी मौजूद हैं. राजनाथ सिंह के लेह पहुंचने पर रक्षा मंत्री कार्यालय ने ट्वीट कर जानकारी दी है. सुबह दिल्ली से उन्होंने लद्दाख के लिए उड़ान भरी थी. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक वे पैंगोंग लेक (Pangong Lake) के पास लुकुंग पोस्ट पर जाएंगे.
लुकुंग पोस्ट झील के उत्तर पश्चिमी हिस्से में है और फ़िंगर 4 से सड़क से लगभग 43 किलोमीटर की दूरी पर है जहां भारत और चीन के सैनिकों ने विघटन की प्रक्रिया शुरू की है. 5 मई को वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच गतिरोध के बाद रक्षा मंत्री की लद्दाख की यह पहली यात्रा है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रक्षा मंत्री लद्दाख के बाद जम्मू कश्मीर में नियंत्रण रेखा (LoC) पर स्थिति का जायजा लेने श्रीनगर के लिए उड़ान भरेंगे. दोपहर तक रक्षा मंत्री घाटी में जमीनी स्थिति की समीक्षा करने के लिए श्रीनगर पहुंचेंगे. सुरक्षा एजेंसियों का दावा है कि रक्षा मंत्री दर्शन के लिए अमरनाथ मंदिर भी जा सकते हैं और पहले से ही इसकी व्यवस्था भी कर ली गई है.
एक वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि, ”यह पक्का नहीं है लेकिन अगर वो दर्शन करना चाहेंगे तो हमने व्यवस्था कर ली है.” इस वर्ष यात्रा कोरोनवायरस के कारण 10 दिनों के लिए हो रही है.
बुधवार को खत्म हुई थी चौथी कोर कमांडर मीटिंग
बता दें कि भारत और चीन के सैन्य प्रतिनिधियों ने पूर्वी लद्दाख में अपनी सीमाओं से सैनिकों और साजो-सामान को पीछे हटाने और तनाव घटाने पर लगभग 14 घंटों तक बातचीत की. यह बातचीत मंगलवार को दिन में 11.30 बजे शुरू हुई थी और देर रात दो बजे यानी बुधवार को खत्म हुई. यह चौथी कोर कमांडर मीटिंग थी और अब तक की सबसे लंबी मीटिंग भी. सूत्रों के मुताबिक इस मीटिंग में दोनों देशों ने डीएस्केलेशन के लिए यानी सैनिकों की तैनाती कम करने के लिए अपनी अपनी शर्तें रखी. बातचीत के दौरान भारतीय पक्ष ने PLA के सैनिकों को पेंगोंग झील और देपसांग क्षेत्र से पूरी तरह पीछे हटने के लिए कहा. दरअसल, ये डिसइंगेजमेंट का फेज आसान नहीं है और इसमें दोनों देशों के बीच टफ निगोशिएशन हो रहा है जिसकी वजह से मीटिंग इतनी लंबी चली.