हैदराबाद की सिविल कोर्ट ने पेप्सिको की ओर से दाखिल ट्रेडमार्क उल्लंघन के केस को खारिज करते हुए बड़ा फैसला सुनाया है. दरअसल अमेरिका की दिग्गज बेवरेज कंपनी पेप्सिको भारत में अपने मशहूर कोल्ड ड्रिंक ब्रांड माउंटेन ड्यू को 17 साल से चोरी के नाम से बेच रही है. कोर्ट ने इसपर मुहर लगाते हुए पेप्सिको पर हर्जाना लगाया है. 15 साल की कानूनी लड़ाई के बाद हैदराबाद सिविल कोर्ट ने कंपनी के दावे को खारिज कर दिया है.
ये है पूरा मामला
यह मामला साल 2000 का है जब हैदराबाद की एक कंपनी मैगफास्ट बेवरेजेस के चेयरमैन सैय्यद गाजीउद्दीन ने पानी का कारोबार माउंटेन ड्यू के नाम से शुरू किया. सैय्यद गाजीउद्दीन का पानी का कारोबार हैदराबाद के साथ पूरे देश में चल रहा था. वहीं 2003 में अमेरिकी कंपनी ने अपना एक सॉफ्ट ड्रिंक बाजार में उतारा जिसका नाम रखा माउंटेन ड्यू. जब हैदराबाद कारोबारी को यह बात पता चली तो एकसमान नाम से बेचे जाने वाले पैकेज वाटर की जांच शुरू की गई. इसके बाद हैदराबाद की कंपनी के चेयरमैन ने दिल्ली हाईकोर्ट में ट्रेडमार्क उल्लंघन का केस दर्ज कर दिया. लेकिन दिल्ली हाईकोर्ट से केस को खारिज कर दिया गया.
सुप्रीम कोर्ट में की गई अपील
जब दिल्ली हाईकोर्ट में सैय्यद गाजीउद्दीन की केस खारिज कर दी गई तो उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में अपील की. सुप्रीम कोर्ट में सारे दस्तावेज पेश करते हुए इस कारोबारी ने केस को हैदराबाद में ट्रांसफर करने की मांग रखी जिसे सुप्रीम कोर्ट ने मान लिया. दरअसल पेप्सिको ने साल 2004 में कोर्ट में एक एफिडेविट दाखिल कर कहा था कि यदि कंपनी केस हार जाती है तो वह मैगफास्ट बेवरेजेस को आवश्यक मुआवजे का भुगतान करेगी. अब चूकि पेप्सिको यह केस हार गई है लिहाजा उसे हर्जाना भड़ना होगा.
15 साल बाद मिला इंसाफ
हैदराबाद में केस की सुनवाई होती रही. अब जाकर हैदराबाद की सिविल कोर्ट ने पेप्सिको के सभी दावों को खारिज करते हुए हैदराबाद के पानी कारोबारी के हक में फैसला सुनाया और पेप्सिको पर जुर्माना लगाया लगा. हालांकि कोर्ट ने अभी जुर्माने की राशि तय नहीं की है. लेकिन गाजीउद्दीन ने कहा कि यह जीत उन सभी कंपनियों की जीत है जो मोदी सरकार के मेक इन इंडिया अभियान में भरोसा करती हैं.