नई दिल्ली: देश में कोरोना के कहर के बीच बड़ी खबर आ रही है। दरअसल केंद्र सरकार ने कहा है कि 1 मई से 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोगों को अब टीका लगेगा। 18 से अधिक उम्र के लोगों को वैक्सीन के लिए कीमत चुकानी होगी या नहीं इसपर सरकार जल्द जल्द से जल्द फैसला सुनाएगी। बता दें कि हाल के दिनों में महाराष्ट्र समेत कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने यह मांग की थी कि कोरोना वैक्सीन की तय उम्र सीमा को कम किया जाए। अब तक 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को देशभर में कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही थी। देशभर में 12.38 करोड़ लोग वैक्सीन का पहला या दूसरा डोज ले चुके हैं। सरकार की ओर से सोमवार शाम को जारी आदेश के मुताबिक, नई पॉलिसी 1 मई 2021 से लागू की जाएगी और इसे लगातार रिव्यू भी किया जाएगा।
अब तक 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को देशभर में कोरोना वैक्सीन लगाई जा रही थी। देशभर में 12.38 करोड़ लोग वैक्सीन का पहला या दूसरा डोज ले चुके हैं। सरकार की ओर से सोमवार शाम को जारी आदेश के मुताबिक, नई पॉलिसी 1 मई 2021 से लागू की जाएगी और इसे लगातार रिव्यू भी किया जाएगा।
कंपनियां 50% वैक्सीन केंद्र को सप्लाई करेंगी
सरकार ने वैक्सीन निर्माता कंपनियों से कहा है कि फेज-3 में वैक्सीन बनाने वाली कंपनियां महीने में बनने वाली कुल वैक्सीन का 50% केंद्र को सप्लाई करेंगी। बाकी का 50% राज्य सरकारों और ओपन मार्केट में बेचने की छूट रहेगी।
केंद्र क्राइटेरिया तय कर राज्यों को वैक्सीन देगा
केंद्र सरकार वैक्सीन के अपने 50% फीसदी कोटे से क्राइटेरिया तय करेगी। सबसे पहले ज्यादा प्रभावित राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को वैक्सीन सप्लाई की जाएगी। वैक्सीन के वेस्टेज पर राज्यों की निगेटिव मार्किंग भी की जाएगी। इसके लिए सभी राज्यों को पहले से जानकारी दी जाएगी।
पहली डोज लेने वालों को टीका लगाने में प्राथमिकता
वैक्सीन का पहला डोज ले चुके हेल्थकेयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स को वैक्सीनेशन में प्राथमिकता दी जाएगी। वैक्सीन का पहला डोज लेने वाले 45 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को भी दूसरा डोज लेने के लिए तरजीह मिलेगी। ये पूरा काम तय रणनीति के साथ किया जाएगा।
पहले से जारी फ्री वैक्सीनेशन चलता रहेगा
सरकार की तरफ से टीकाकरण अभियान पहले की तरह जारी रहेगा। इसके तहत प्राथमिकता वाले ग्रुप्स को फ्री में वैक्सीन लगाई जा रही है। इनमें हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और 45 साल से ज्यादा उम्र के लोग शामिल है।
सोनिया और मनमोहन ने भी की थी मांग
इससे पहले 17 अप्रैल को कांग्रेस वर्किंग कमेटी की मीटिंग में सोनिया गांधी ने केंद्र सरकार को टीकाकरण के लिए अपनी प्राथमिकता पर पुनर्विचार करने की मांग की थी। उन्होंने कहा था कि वैक्सीनेशन के लिए आयु सीमा को घटाकर 25 साल करना चाहिए। अस्थमा, मधुमेह, किडनी और लीवर संबंधी बीमारियों से पीड़ित सभी युवाओं को टीका लगाया जाना चाहिए।
इससे पहले रविवार को ही पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर वैक्सीनेशन को लेकर कई सुझाव दिए थे। उन्होंने अमेरिका और यूरोप में सभी अप्रूव हो चुके वैक्सीन के डायरेक्ट यूज की इजाजत देने की अपील की थी। उन्होंने कहा था कि केवल कुल संख्या को नहीं देखना चाहिए, बल्कि कितने प्रतिशत आबादी को टीका लग चुका है, इसे देखा जाना चाहिए।