विकासनगर/देहरादून (सतपाल धानिया की रिपोर्ट)। उत्तराखंड कॉंग्रेस मे बगावत के सुर उठने लगे हैं। 2017 विधानसभा चुनाव मे बागी होकर कॉंग्रेस प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले लोगों को प्रदेश कॉंग्रेस कमेटी मे अहम पद दिए जाने से कॉंग्रेस के वरिष्ठ नेताओ मे नाराजगी देखने को मिल रही हैं।
सहसपुर विधानसभा के झाझरा मे कॉंग्रेस के कद्दावर नेताओ ने एक बैठक के दौरान अपनी पीड़ा व्यक्त की है।इस दौरान पूर्व मे कॉंग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष रहे किशोर उपाध्याय ने क़हा कि जिस तरह की स्तिथि वर्तमान मे प्रदेश मे बन रही है। उससे कॉंग्रेस को नुकसान हो रहा है।इस तरह की व्यवस्था से कॉंग्रेस के पुराने नेताओं की भावनाएं आहत हो रही हैं साथ ही उन्होने क़हा कि जल्द ही सभी पुराने कॉंग्रेसी नेता मिलकर विधानसभा में अपनी स्तिथि को मजबूत करने के लिऐ एक मुहिम छेड़ी जायेगी। इस दौरान पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कॉंग्रेस के वर्तमान अध्यक्ष प्रीतम सिंह पर भी तंज कसा है।
कही ना कही कॉंग्रेस में बगावत की बू आ रही है तो वही कॉंग्रेस के वरिष्ठ नेता विनोद चौहान आजाद अली गुलजार अहमद ने भी 2017 के विधानसभा चुनाव में कॉंग्रेस के प्रत्याशियों को हराने वाले बागियों को अहम पद पर ताजपोशी किए जाने को लेकर नाराजगी जाहिर की है तो वही यह भी क़हा है कि अगर पार्टी 2017 विधानसभा चुनाव में बागी होकर चुनाव लड़े प्रत्याशियों को 2022 में टिकट देती है तो उनका विरोध किया जाऐगा साथ ही क़हा कि पार्टी को स्थानीय व्यक्ति को टिकट देना चाहिये। जिससे प्रदेश में कॉंग्रेस की सरकार बन सके। सहसपुर विधानसभा में हुयी बैठक में कॉंग्रेस के कई स्थानीय कद्दावर नेता मौजूद रहें जिससे यह कहना गलत नहीं होगा कि एक बार फ़िर कॉंग्रेस में बगावत हो गयी जो 2022 के विधानसभा चुनाव में कॉंग्रेस के लिऐ गले की फांस बनने वाली है। तो वही इस मामले में जब हमने कॉंग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष आर्येन्द्र शर्मा से दूरभाष पर बात की तो उन्होंने क़हा कि जो लोग आज बगावती तेवर दिखा रहें है इनकी वजह से ही पार्टी को देहरादून जिले की कई सीटों से हाथ धोना पड़ा था।
उन्होंने क़हा कि पूर्व में कॉंग्रेस के ही कुछ नेताओ ने अपने निजी स्वार्थो के चलते सहसपुर विधानसभा में मुझे पार्टी के टिकट पर चुनाव नहीं लड़ने दिया जिसका खामियाजा पार्टी को सहसपुर विधानसभा विकासनगर विधानसभा धर्मपुर विधानसभा में हार के तौर उठाना पड़ा। साथ ही क़हा कि कॉंग्रेस में कुछ लोग पार्टी की मजबूती के लिऐ नहीं बल्कि अपने निजी स्वार्थो के चलते मनमानी कर रहें है जिसका उनका तो निजी स्वार्थ सिद्ध हो जाये लेकिन पार्टी को चाहे कोई भी नुकसान हो।