पिथौरागढ़: मुवानी घाटी क्षेत्र में बहने वाली रामगंगा नदी ने दिव्यांग युवक को कुशल तैराक बना दिया। दिव्यांग राजेंद्र सिंह छोटे गाड़-गधेरे नहीं विशाल रामगंगा नदी को भी कुशलता से पार कर लेते हैं। उनकी इस प्रतिभा से पूरा जिला ही अनजान है। क्षेत्र के लोगों ने इस प्रतिभाशाली युवक को दिव्यांग प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग का मौका दिए जाने की मांग की है।
मुवानी घाटी क्षेत्र में बहने वाली रामगंगा नदी पर पुल नहीं है, जिसके चलते आधा दर्जन गांवों के लोग हर रोज रामगंगा नदी को पार कर मुवानी बाजार पहुंचते हैं और अपने रोजमर्रा के काम निपटा कर वापस लौटते हैं। दिव्यांग राजेंद्र सिंह को भी अपने तमाम कार्यों के लिए मुवानी बाजार या जिला मुख्यालय आना पड़ता है। बचपन में उन्हें तैरना नहीं आता था तो वे दूसरों की मदद लेकर नदी पार करते थे। बार-बार आने वाली इस समस्या को देखते हुए राजेंद्र ने तैराकी सिखने का फैसला किया। उन्होंने पहले गांव की छोटे गाड़ गधेरों में अन्य युवाओं की मदद से तैरना सीखा। बारीकियां सीखने के बाद वे विशाल रामगंगा नदी को भी पार करना सीख गए। अब वे इस नदी को आसानी से पार कर लेते है। कई बार तो वे तैराकी में सामान्य लोगों को भी पीछे छोड़ देते हैं। पूर्व जिला पंचायत सदस्य जगदीश कुमार ने उनकी इस प्रतिभा को देखते हुए प्रशासन से उन्हें दिव्यांग स्वीमिंग प्रतियोगिता में मौका दिए जाने की मांग की है।
दिव्यांग राजेंद्र की प्रतिभा की जानकारी मिली है। सीमांत जिले पिथौरागढ़ में स्वीमिंग खेल के लिए कोई इंतजाम नहीं है। हल्द्वानी और रुद्रपुर में स्वीमिंग की व्यवस्था है। इस संबंध में उच्चाधिकारियों से वार्ता की जाएगी।
संजीव पौरी, जिला क्रीड़ा अधिकारी