देहरादून: पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को मुख्यमंत्री आवास स्थित जनता दर्शन हॉल में आत्मनिर्भर उत्तराखण्ड / 25 बोधिसत्व : विचार श्रृंखला के तहत प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में सराहनीय कार्य करने वाले लोगों के साथ प्रत्यक्ष व ई संवाद किया।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि उत्तराखंड को 2025 तक सभी क्षेत्रों में अग्रणी राज्य बनाने के लिए हम सबको मिलकर प्रयास करने होंगे। विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े महानुभावों के जो भी सुझाव प्राप्त होंगे, उनको ध्यान में रखते हुए आगे के लिए रोडमैप तैयार किया जायेगा। उन्होंने कहा कि इस जन संवाद से जो अमृत निकलेगा, प्रदेश के समग्र विकास के लिए भावी रणनीति पर कार्य किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां अलग हैं। प्रदेश के सर्वांगीण विकास के लिए राज्य सरकार हर संभव प्रयास कर रही है।
मुख्यमंत्री ने प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों में कार्य करने वाले लोगों से संवाद किया एवं उनके सुझाव भी लिए। पद्म भूषण एवं हेस्को के संस्थापक डॉ. अनिल प्रकाश जोशी ने कहा कि सामुहिकता में हमेशा बल होता है। मुख्यमंत्री ने समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों से जो संवाद स्थापित किया है, इससे प्रदेश के हित के लिए अवश्य अमृत निकलेगा।
टिहरी के संजय बहुगुणा ने सुझाव दिया कि वेस्ट को बेस्ट में बदलने के लिए अपशिष्ट पदार्थों से अनेक सजावटी वस्तुएं बनाई जा रही हैं। अपशिष्ट पदार्थों के लिए कलेक्शन सेंटर बनना चाहिए। उत्तरकाशी के अनिल डंगवाल ने कहा कि नाकुरी, उत्तरकाशी में पांरपरिक घराटों का संचालन किया जा रहा है। इस क्षेत्र में अनेक महिलाएं कार्य कर रही हैं। इससे उनकी आजीविका भी बनी है।
वैज्ञानिक डॉ. रूचि बडोला ने कहा कि उनके द्वारा वन एवं संरक्षित क्षेत्रों के आस-पास रहने वाले लोगों के आजीविका में वृद्धि करने तथा वन्य जीव संरक्षण की दिशा में कार्य किया जा रहा है। रंजना कुकरेती ने सुझाव दिया कि प्रदेश के सीमांत क्षेत्रों से पलायन को रोकने के लिए महिलाओं को स्थानीय स्तर पर स्वरोजगार उपलब्ध कराने, कृषि कार्यों को बढ़ावा देने एवं राज्य में भू-कानून लागू करने का सुझाव दिया। सबरजीत सिंह ने सुझाव दिया कि रिवर्स माइग्रेशन के लिए शिक्षा को पर्यटन के साथ जोड़ते हुए कार्य होने चाहिए।
इस अवसर पर सचिव एचसी सेमवाल, जिलाधिकारी देहरादून डॉ. आर. राजेश कुमार, नियोजन विभाग के निदेशक मनोज पंत, डॉ. दुर्गेश पंत, , मंच संचालिका डॉ. कंचन नेगी एवं वर्चुअल माध्यम से प्रदेश के सभी जनपदों से लोग जुड़े थे।