देहरादून: सूबे में मुख्य सचिव का पद संभालते ही ओम प्रकाश एक्शन मोड में आ गए हैं. गुरुवार को उन्होंने केदारघाटी में चल रहे पुनर्निर्माण कार्यों के लेकर अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक में मुख्य सचिव ने केदारनाथ की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी ली. साथ बैठक में निर्णय लिया कि आदि गुरु शंकराचार्य की प्रतिमा को सेना के हेलीकॉप्टर से केदारनाथ पहुंचाया जाएगा.
इस दौरान मुख्य सचिव प्रकाश ने कहा कि केदारनाथ में पहले चरण का पुनर्निर्माण कार्य इस साल 31 दिसंबर तक पूरा हो जाएगा. जिसमें आदि गुरु शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा की स्थापना भी शामिल है. आदि गुरु शंकराचार्य की भव्य प्रतिमा को केदरनाथ भेजने के लिए सेना की मदद ली जाएगी. ताकि उनके हेलीकॉप्टर से केदारनाथ धाम में भारी सामान पहुंचाया जा सके.
सेना के हेलीकॉप्टर की मदद से केदारनाथ में भारी सामान पहुंचाया जा सके, इसके लिए हेलीपैड में अतिरिक्त जगह बनाई जाएगी. वहां ज्यादा जगह बनाने के लिए जीएमवीएन के भवन का ढांचा हटाया जाएगा. इस पर जीएमवीएन की रिपोर्ट जल्द ही मिल जाएगी. जिसके बाद ढांचा हटाने की कार्रवाई होगी.
साथ ही मुख्य सचिव प्रकाश ने बताया कि केदारनाथ में तीर्थ पुरोहितों के 73 आवास बन चुके हैं. जबकि 31 और आवास बनाए जाने हैं. जिसके लिए धनराशि की व्यवस्था की जा रही है.
कोरोना वैक्सीन तय करेगी महाकुंभ का स्वरूप
राज्य सरकार के सामने इस समय सबसे बड़ी चुनौती आगामी 2021 में होने वाला हरिद्वार महाकुंभ है. महाकुंभ तैयारियों को लेकर जब मुख्य सचिव ओम प्रकाश से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि हरिद्वार महाकुंभ मेले का स्वरूप कोविड-19 से निपटने वाली वैक्सीन पर निर्भर करेगा. यदि कोरोना संक्रमण से बचाव की टीका महाकुंभ के आयोजन से पहले आ गया तो यह महापर्व अपने दिव्य और भव्य स्वरूप में आयोजित होगा, लेकिन कोरोना संक्रमण के हालात सामान्य नहीं हुए और कोई वैक्सीन नहीं आयी, तो कुंभ का आयोजन भी कांवड मेले की तरह ही होगा. यानी कांवड मेले की तरह ही कुंभ में भी भीड़ को नियंत्रित किया जाएगा.