देहरादून। दूरस्थ ग्रामों के नो सिंगल एरिया में संचार के लिए एसडीआरएफ की ओर से स्थापित क्विक डिप्लोएबल एंटिना (क्यूडीए) तकनीक का उपयोग करने वाला उत्तराखंड पहला राज्य है। गुरुवार को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने सचिवालय स्थित एसडीएमए, कंन्ट्रोल रूम से क्यूडीए का उद्घाटन किया। इस दौरान चमोली के मलारी, पिथौरागढ़ के गुंजी और देहरादून जिले के त्यूणी क्षेत्र के प्रधान और ग्रामीणों से बात भी की।
मुख्यमंत्री ने एसडीआरएफ के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि इस प्रकार की प्रणाली उत्तराखंड में किसी भी आपदा रूपी संकट के दौरान संजीवनी स्वरूप है। जिसके दूरगामी परिणाम अत्यंत सुखद ओर लाभकारी होंगे। मलारी से मंगल सिंह राणा, शेर सिंह राणा, बच्चन सिह राणा, गुंजी से लक्ष्मी, मानवती देवी, संतोष सिंह और त्यूणी से मातवर सिंह चैहान,गोविंद शर्मा, अंजली गुसाईं, ममता आदि ने बात की। प्रदेश के सुदूरवर्ती व सीमांत क्षेत्रों को मुख्यधारा से जोड़ने के लिए राज्य के सभी जनपदों में संचार की दृष्टि से कमजोर क्षेत्रों में 248 सेटेलाइट फोन वितरित किये थे। इस काम को को गति और व्यापकता देते हुए एसडीआरएफ ने नवीनतम टेक्नोलॉजी क्यूडीए का क्रय किया।
इस प्रणाली में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग और डेटा को भेजने के लिए 1.2 मीटर क्यूडीए एंटीना टर्मिनलों और 1.2 मीटर स्टेटिक (वीएसएटी बहुत छोटे एपेरचर टर्मिनल) एंटीना टर्मिनल का उपयोग होता है। यह विभिन्न वीसैट टर्मिनल के साथ उपग्रह आधारित संचार स्थापित करने में मदद करता है। साधारण तौर पर यह कह सकते है कि यह टेक्नोलॉजी किसी ऐसे क्षेत्र में जहां किसी प्रकार का संचार का साधन नहीं है, उपयोग करने पर तत्काल सेटेलाइट से संपर्क स्थापित कर लाइव ऑडियो ओर वीडियो कॉल की सुविधा देता है।
क्यूडीए का एसडीआरएफ वाहिनी मुख्यालय जोलीग्रांट, एसडीएमए, देहरादून या किसी अन्य स्थान में स्थापित किया जा सकेगा। मोबाइल क्यूडीए को तत्काल हेलीकॉप्टर की सहायता से सम्बंधित क्षेत्रो में भेजकर स्थापित किया जाएगा। जहां से आपदा के दौरान आपदा ग्रस्त क्षेत्र की स्थिति और नुकसान की जानकारी तत्काल प्राप्त हो सकेगी। साथ ही बचाव के लिए सशक्त योजना के अनेक विकल्प प्राप्त हो सकेंगे। इस मौके सचिव गृह नितेश झा, सचिव आपदा एसए मुरुगेशन, महानिरीक्षक एसडीआरएफ संजय गुंज्याल, एसडीआरएफ सेनानायक तृप्ति भट्ट, सहायक सेनानायक कमल सिंह पंवार, अनिल शर्मा, अधिशासी निदेशक यूएसडीएमए पीयूष रौतेला आदि मौजूद रहे।