देहरादून (नेटवर्क 10 संवाददाता)।भाई-बहन के प्रेम का प्रतीक है रक्षाबंधन। इसका इंतजार बस अब खत्म होने वाला है लेकिन क्या आपको पता है कि इस बार रक्षाबंधन का शुभ मुहूर्त किस वक्त है। अगर नहीं तो हम आपको इसके बारे में बताते हैं। ज्योतिषचार्यों और पंडितों के अनुसार अन्य सालों के मुकाबले इस बार भद्रा दोपहर की जगह सुबह नौ बजकर 28 मिनट पर ही खत्म हो जाएगा। ऐसे में सुबह नौ बजकर 29 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक विशेष शूभ मूहूर्त है। इस मुहूर्त में बहन भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांध सकती हैं।
तीन अगस्त को रक्षाबंधन पर्व पर सुबह नौ बजकर 28 मिनट तक भ्रदा है, ऐसे में यह काल राखी बांधने के लिए शुभ नहीं माना जाता। पंडित भरतराम तिवारी के अनुसार, भद्रा खत्म होने के बाद सुबह नौ बजकर 29 मिनट से दोपहर 12 बजकर 30 मिनट तक विशेष शूभ मुहूर्त है। इसके बाद दोपहर दो बजे से शाम छह बजे तक भी शूभमुहूर्त के अनुसार राखी पहनाई जा सकती है।
रक्षाबंधन का प्राचीनकाल से ही मनाने का प्रचलन है। महाभारत काल के अनुसारभगवान विष्णु ने देवताओं की रक्षा के लिए कश्यप ऋषि की पत्नी अदिती के घर वामन अवतार लिया था। राजा बलि से तीन पग भूमि मांगी, पृथ्वीलोक का राज्य बलि से छीन लिया। उसे पाताल लोक भेजा और स्वयं भगवान पाताललोक के सभी दरवाजों के द्वारपाल बने।नारद के कहने पर मां लक्ष्मी बैकुंठ से पाताल लोक गईं और राजा बलि से मिली। रक्षाबंधन का दिन यानी श्रावणी पूर्णिमा का दिन था। राजा को मां लक्ष्मी ने एक सूत्र बांधा और कहा कि आज से आप अमर हो गए हो। इसपर राजा बलि बोले, मेरी कोई बहन नहीं है। श्रावणी मास के दिन तुम आई हो, मुझे रक्षासूत्र बांधा है। आज से तुम मेरी बहन हो, कुछ उपहार मांगो। लक्ष्मी बोली, भाई मेरे पास तो सबकुछ है राजपाठ, धन संपदा, लेकिन कोई द्वारपालक रक्षक नही है। आप मेरे भाई हो, अपना द्वारपाल मुझे दे दो। ऐसे में पुराणों के अनुसार भी रक्षाबंन का महत्व माना जाता है।