चमोली: जिला अस्पताल गोपेश्वर में खून के कंपलीट ब्लड काउंट (सीबीसी) और हार्मोन्स की जांच हो सकेगी. इसके लिए अस्पताल में मशीन लगा दी गई है. इस महीने के आखिरी तक यहां पर हार्मोन की जांच सुविधा शुरू कर दी जाएगी. जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने जिला अस्पताल में चिकित्सा प्रबंधन समिति की बैठक लेते हुए अस्पताल में शीघ्र हार्मोन टेस्ट की सुविधा शुरू करने के निर्देश दिए हैं.
जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने अस्पताल में उपलब्ध संसाधनों और चिकित्सा सुविधा के लिए अनुमोदित बजट एवं आय व्यय को लेकर गहनता से चर्चा की. साथ ही अस्पताल में आईसीयू अपग्रेडेशन वर्क, ऑक्सीजन पाइप लाइन, तीमारदारों के लिए गेस्ट हाउस निर्माण, प्रसव कक्ष में एसएनसीयू, जन औषधि केंद्र सहित आदि निर्माण कार्यों का भी स्थलीय निरीक्षण किया. जिले से आज तक हार्मोन टेस्ट के लिए लोगों को हरिद्वार, देहरादून या किसी प्राइवेट पैथोलॉजी में ही जाना पड़ता था, लेकिन अब जल्द यह सुविधा जिला अस्पताल गोपेश्वर में मिलेगी. इस मशीन से हिमोग्लोबिन तथा हार्मोन एनालाइजर से थायराइड एवं महिलाओं से संबंधित रोगों की जांच हो सकेगी. जिलाधिकारी ने सीएसआर फंड से एनटीपीसी के माध्यम से जिला अस्पताल को 200 केवी का जनरेटर भी उपलब्ध करवा दिया है. जनरेटर लगने से पूरे जिला अस्पताल में विद्युत आपूर्ति की समस्या दूर हो गई है.
जिला अस्पताल में मरीजों के तिमारदारों के ठहरने में काफी समस्याएं होती हैं. रात को उन्हें प्राइवेट होटलों में रुकना पड़ता है. इस समस्या को देखते हुए जिलाधिकारी ने जिला अस्पताल में मरीजों के तीमारदारों के ठहरने के लिए दो डॉरमेट्री और दो कमरों का गेस्ट हाउस एवं जन औषधि केंद्र का निर्माण कार्य शुरू करवाया है. इसके लिए जिला योजना से बजट उपलब्ध करवाया गया है.
बैठक में समिति के सामने वित्तीय वर्ष 2020 -21 में प्राप्त आय व्यय का विवरण रखा गया. बताया गया कि वित्तीय वर्ष 2020-21 के लिए चिकित्सालय संचालन हेतु दो करोड़ तेरह लाख ईक्कासी हजार का बजट अनुमोदित हुआ है. जिसमें से पहली किश्त के तहत 30,00,000 की धनराशि जिला अस्पताल को रिलीज की गई है. 10. 87 लाख अस्पताल में यूजर चार्ज से अर्जित किए गए हैं और 5 लाख एनएचएम से बजट प्राप्त हुआ है.
अस्पताल संचालन में अप्रैल से सितंबर माह तक 40 लाख का व्यय हुआ है. बैठक में समिति के सामने जरनेटर प्लेटफॉर्म, ओपीडी एवं यूजर चार्ज कलेक्शन काउंटर का नवनिर्माण, कोविड-19 के दृष्टिगत आईसीयू वार्ड में 5 अटैच शौचालय निर्माण,दिव्यांग जनों के लिए इको फ्रेंडली बाथरूम, शव वाहन को अपग्रेड करने के साथ साथ चिकित्सालय के छत की टीन बदलने आदि कार्यों के प्रस्ताव रखे गए.