बीते दिन बीजेपी के वरिष्ठ नेता लाखी राम जोशी ने सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत के खिलाफ मोर्चा खोल दिया था. उन्होंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की नीतियों पर सवाल खड़े करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक पत्र लिखा था, जिसके बाद उन पर निलंबन की गाज गिर गई है. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने लाखी राम जोशी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है.
गणेश जोशी ने कहा कि लाखी राम जोशी ने कहा जिला श्रीराम जोशी पार्टी में काफी समय से सक्रिय नहीं हैं. लेकिन इसके बावजूद भी उनकी अगर किसी तरह की महत्वकांक्षा है तो वह पार्टी फोरम में इस बात को रख सकते थे लेकिन इस तरह से मुख्यमंत्री के लिए टिप्पणी करना बेहद चिंताजनक है.
क्या है पूरा मामला?
गौर हो कि उत्तराखंड गठन में अंतरिम सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे लाखी राम जोशी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे पत्र में कहा है कि मुख्यमंत्री की नीतियां जनविरोधी हैं. उन्होंने मुख्यमंत्री के बयानों और फैसलों को संगठन व सरकार को शर्मसार करने वाला बताया है. लाखी राम जोशी ने हाई कोर्ट के सीबीआई जांच वाले आदेश का जिक्र करते हुए कहा कि कालाधन और भ्रष्टाचार को मिटाने के लिए आपने (प्रधानमंत्री मोदी) 2016 में नोटबंदी की थी, जिसमें जनता ने आपका भरपूर समर्थन किया था, लेकिन आज उत्तराखंड की जनता इस बात से हतप्रभ है कि उनका मुख्यमंत्री नोटबंदी के दौरान झारखंड का पार्टी प्रभारी होने के नाते वहां से अपने करीबियों के खाते में कालाधन जमा करवाया था.
जोशी ने लिखा है कि, नैनीताल हाई कोर्ट ने इस गंभीर मामले को देखते हुए सीबीआई जांच के आदेश दिए थे. इस कारण पार्टी की छवि आए दिन धूमिल हो रही है. समय रहते इस गंभीर मामले का पार्टी नेतृत्व को संज्ञान लेना चाहिए. उक्त भ्रष्टाचार के गंभीर मामलों को देखते हुए त्रिवेंद्र सिंह रावत को तत्काल मुख्यमंत्री पद से हटा देना चाहिए. जिससे मामले की निष्पक्ष जांच हो सके.