देहरादून: शनिवार को उत्तराखंड प्रदेश भाजपा ने कोविड-19 के चलते लॉकडाउन में किये गये समाज सेवा से जुड़े तमाम कार्यों को लेकर एक डिजिटल ई-बुक लॉन्च की. इस दौरान राष्ट्रीय संगठन महामंत्री शिव प्रकाश और प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू भी उपस्थिति रहे. भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने इस डिजिटल ई-बुक को लॉन्च किया. वहीं, भाजपा के इस डिजिटल ई-बुक लॉन्च पर कांग्रेस ने निशाना साधा है. कांग्रेस ने कहा कि ई-बुक लॉन्च करने का कोई औचित्य नहीं है, क्योंकि सरकार के काम गिनाएं नहीं जाते, बल्कि खुद दिख जाते हैं.
कोरोना वायरस के चलते 22 मार्च से लगे जनता कर्फ्यू के बाद, लॉकडाउन के दौरान बूथ स्तर पर भाजपा कार्यकर्ताओं ने समाज सेवा से जुड़े तमाम कार्य किये. जिन कार्यों को उत्तराखंड भाजपा ने डिजिटल बुक के माध्यम से संकलित किया है. जिसे आज चार जिलों के लिए लॉन्च कर दिया गया है. भाजपा प्रदेश कार्यालय में ई बुक लॉन्च के इस कार्यक्रम में केंद्रीय संगठन महामंत्री शिव प्रकाश और उत्तराखंड दिल्ली के प्रभारी श्याम जाजू मौजूद रहे.
प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने प्रदेश के 4 जिलों पिथौरागढ़, बागेश्वर, रुद्रप्रयाग और हरिद्वार के लिए ई-बुक का लॉन्च की. इस मौके पर प्रदेश प्रभारी श्याम जाजू ने कहा कि कोरोना काल में एकमात्र भाजपा ऐसा राजनीतिक संगठन था जिसने बूथ स्तर पर जाकर तमाम कार्यक्रम चलाए.
लॉकडाउन की दुश्वारियों के बीच मददगार बनकर लोगों को राहत पहुंचाई. वहीं, प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत ने भी बताया कि इसके बाद बाकी बचे सभी अन्य जिलों की भी ई बुक लॉन्च की जाएगी. जिसमें लॉकडाउन के दौरान पार्टी की तमाम उपलब्धियों का जिक्र किया जाएगा.
वहीं, कांग्रेस की पूर्व प्रदेश प्रवक्ता गरिमा दसौनी ने इसे लेकर भाजपा पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि दिखावा करने से विकास नहीं होने वाला है, भाजपा कोरोना काल में ई-बुक लॉन्च कर रही है, जिसका कोई औचित्य नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार ने अगर वाकई काम किए होते तो वो धरातल पर दिख जाते. उन्होंने भाजपा सरकार पर प्रश्नचिन्ह लगाते हुए कहा कि प्रवासियों के लिए बनाए गए क्वारंटाइन सेंटर्स की बदहाली किसी से छिपी नहीं है.
उन्होंने कहा कि राशन वितरण में भाजपा ने घटिया गुणवत्ता का राशन बांटा. अपने राज्य वापस लौटे प्रवासियों के प्रति भी सरकार का व्यवहार ठीक नहीं रहा. गरिमा दसौनी ने कहा पहले तो सरकार प्रवासियों को लाने के लिए दिनों की हीलाहवाली करती रही, जब उन्हें यहां लाया भी गया तो उनका डाटा एनालिसिस भी नहीं किया गया. उन्होंने कहा प्रवासियों को अब रोजगार का सपना दिखाया जा रहा है लेकिन, सरकार के पास इसका कोई ब्लू प्रिंट तैयार नहीं है.