अवैध खनन मामले में हेमंत सोरेन को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत

सुप्रीम कोर्ट ने खनन पट्टा मामले में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को बड़ी राहत दी है. शीर्ष अदालत ने झारखंड हाईकोर्ट के फैसले को पलटते हुए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन और राज्य सरकार की याचिकाओं को सोमवार को स्वीकार कर लिया. झारखंड हाईकोर्ट ने खनन पट्टा केस की जांच संबंधी जनहित याचिकाओं को सुनवाई योग्य बताया था. लीज़ आवंटित करने और उनके करीबियों द्वारा शेल कंपनी में निवेश करने के खिलाफ दाखिल जनहित याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह जनहित याचिका सुनवाई योग्य नहीं है.

रघुवर दास ने लगाया था आरोप

इससे पहले, शीर्ष अदालत ने हाईकोर्ट को खनन पट्टा मामले में सोरेन के खिलाफ जांच का अनुरोध करने वाली जनहित याचिका पर कार्यवाही करने से रोक दिया था. दरअसल बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने इस साल फरवरी में दावा किया था कि सोरेन ने अपने पद का दुरूपयोग किया और खुद को एक खनन पट्टा से फायदा पहुंचाया. उन्होंने कहा था कि इस मुद्दे में हितों का टकराव और भ्रष्टाचार दोनों शामिल हैं. उन्होंने आरोप लगाया था कि जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया गया है.

चुनाव आयोग ने सोरेन से मांगी थी सफाई

विवाद का संज्ञान लेते हुए चुनाव आयोग ने मई में सोरेन को एक नोटिस भेज कर उन्हें जारी किए गए खनन पट्टा पर उनका स्पष्टीकरण मांगा था. यह पट्टा उन्हें उस वक्त जारी किया गया था जब खनन एवं पर्यावरण विभाग उनके पास था. झारखंड हाईकोर्ट में दायर याचिका में खनन पट्टा प्रदान किए जाने में कथित अनियमितताओं की जांच का अनुरोध किया गया था. साथ ही मुख्यमंत्री के परिवार के सदस्यों एवं सहयोगियों से जुड़े कुछ फर्जी कंपनियों के लेनदेन की भी जांच की अपील की गई थी.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *