उत्तराखंड की जनता इस बार निकालेगी नेताओं का नारायण तेल: भावना पांडे

– भाजपा-कांग्रेस के खिलाफ लोगों में भारी नाराजगी
– बुनियादी समस्याओं का भी नहीं हुआ समाधान
समाजसेवी भावना पांडे की जुबानी
कल सुबह की बात है। मैं मेडिटेशन की जगह तलाशने के लिए हाथीपांव जा रही थी। मेरी कोशिश है कि मैं यहां एक मेडिटेशन सेंटर बनाऊं ताकि यहां पर्यटन और रोजगार बढ़ सके। रास्ते में किमाड़ी चैक पड़ता है। मैंने वहां एक लगभग 70 साल की एक बुजुर्ग महिला को मवेशियों के साथ देखा। कार रोककर उनके पास गयी और उनका हाल-चाल पूछा। इस बीच कई अन्य ग्रामीण भी वहां एकत्रित हो गये। बुजुर्ग महिला से विकास के बारे में पूछा तो बोली, विकास? और फिर उन बुजुर्ग महिला के चेहरे के भाव बदल गये। बोली, आण दैएओ यू निर्भगि नेताउूं थै भोट मगणु कू, इन्ई दा त ऊंकु नारायण तेल निकलण। ( आने दो इस बार नेताओं को वोट मांगने, हम उनका नारायण तेल निकालेंगे)। मैंने बचपन में नारायण तेल के बारे में सुना तो था लेकिन जानती नहीं थी कि ये क्या होता है? मैंने पूछा तो ग्रामीणों ने बताया कि अंग्रेज अपनी खिलाफत करने वाले लोगों को पेड़ या डंडे से उल्टा टांग देते थे और नीचे से आग की भट्टी जला देते थे। कील ठोककर उनके सिर से तेल निकालते थे। थे। हालांकि नारायण तेल की ऐतिहासिक पुष्टि नहंी है। मैं उस बुजुर्ग महिला की बात सुनकर स्तब्ध रह गयी कि नेताओं को लेकर इस महिला को कितना क्रोध मिश्रित घृणा है। आसपास खड़ी महिलाएं और युवा बताते हैं कि पिछले 20 साल के दौरान हमारे विधायक कभी कांग्रेस तो कभी भाजपा के बने तो कभी निर्दलीय, लेकिन विकास किसी ने भी नहीं किया। किमाड़ी गांव की 17 किलोमीटर सड़क आज तक नहंी बनी। सब वादा करते हैं और वोट बटोर कर भूल जाते हैं। इस बार ग्रामीणों ने तय किया है कि इन नेताओं को सबक सिखाएंगे। गांव में बुनियादी सुविधाएं भी नहंी हैं। बिजली-पानी का संकट है। रोजगार है ही नहीं। मैं उनकी समस्याएं सुनकर व्यथित हो गयी। हाथीपांव पहुंच कर मेडिटेशन के लिए आंखें बंद की तो मन में यही गूंजा कि इस बार नेताओं का निकालेंगे नारायण तेल।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *