रानीखेत/गरमपानी : ताड़ीखेत व बेतालघाट ब्लाक के विभिन्न गांवों समेत नैनीताल जिला मुख्यालय को पानी की आपूर्ति के लिए कोसी नदी पर बनाए जाने वाले बढेरी बैराज की तैयारियों को फिर पंख लगने लगे हैं। कोरोना की दस्तक से प्रगति थमने के बाद अब एक बार फिर विभागीय अधिकारियों ने डीपीआर बनाने की कार्रवाई तेज कर दी है।
शहीद बलवंत सिंह भुजान वर्धो मोटर मार्ग पर बढेरी गाव के समीप कोसी नदी पर करीब 600 करोड़ रुपये की लागत से बैराज बनाया जाना है। बैराज से नैनीताल जिला मुख्यालय समेत बेतालघाट व ताड़ीखेत ब्लाक के तमाम गावों को जलापूर्ति होनी है। प्रारंभिक स्तर पर दो से तीन सर्वे पूरे होने के बाद बरसात में कोसी नदी का वेग बढ़ने पर नदी क्षेत्र के दोनों और मजबूत चट्टान के पता लगाने लगाने को ड्रिलिंग का कार्य प्रभावित हो गया। वेग कम होने के बाद सिंचाई अनुसंधान संस्थान रुड़की के विशेषज्ञों ने बैराज निर्माण को ठोस चट्टान व बालू का पता लगाने के लिए ड्रिलिंग की। पर एकाएक कोरोना संकट से प्रगति थम सी गई। अब दोबारा विभागीय अधिकारियों ने बैराज निर्माण को कार्रवाई तेज कर दी है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार नेशनल हाइड्रोलॉजी प्रोजेक्ट तथा आइआरआइ रुड़की के तहत डीपीआर तैयार करने का कार्य शुरु हो चुका है।
600 करोड़ रुपये की लागत से बनना है बैराज
बैराज निर्माण में लगने वाले 600 करोड रुपये की लागत से 20 मीटर ऊंचाई तथा डेढ़ किमी लंबे बैराज निर्माण में 200 करोड़ रुपये खर्च होगा। शेष धनराशि पानी को नैनीताल मुख्यालय व रानीखेत के गावों में पहुंचाने में खर्च होगी। इससे बेतालघाट तथा ताडी़खेत ब्लॉक के तमाम गाव को रोजाना करीब 60 एमएलडी पानी की आपूर्ति हो सकेगी।
‘कोरोना के चलते काफी कार्य प्रभावित हुआ। अब डीपीआर बनाने की कार्रवाई प्रगति पर है। नेशनल हाइड्रोलोजी प्रोजेक्ट तथा आईआरआई रुड़की के तहत भी कार्य किया जा रहा है। डीपीआर तैयार होने के बाद अग्रिम कार्रवाई की जाएगी।
– एचसी सिंह, ईई सिंचाई नैनीताल’