चमोली (नेटवर्क 10 संवाददाता)। बद्रीनाथ हाई पर भारी हिमखंड टूटने से हाई बंद हो गया है। कंचनगंगा में भारी हिमखंड टूटा है। इस हिमखंड के टूटने से बद्रीनाथ हाई वे का करीब सौ मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया है। बीआरओ यानि सीमा सड़क संगठन की टीम जेसीबी से बर्फ हटाने का का लगातार कर रही है। बताया जा रहा है कि हाईवे के सफाई कार्य में बहुत दिक्कतें आ रही हैं।
आपको बता दें कि कंचनगंगा में शीतकाल के दौरान एक विशालकाय हिमखंड बन गया था। हालांकि, बीआरओ ने यहां हिमखंड को काटकर आने जाने का रास्ता बना दिया था। गुरुवार रात हिमखंड टूटने से हाइवे का सौ मीटर हिस्सा ध्वस्त हो गया। बीआरओ के अधिकारियों ने बताया कि शुक्रवार को दिनभर हाइवे को सुचारु करने का कार्य जारी रहा और जल्द ही हाइवे पर आवाजाही शुरू कर दी जाएगी।
इन दिनों धीरे धीरे तापमान बढ़ रहा है और ऐसे में हिमशिखरों की बर्फ पिघलने लगी है। दो सप्ताह पूर्व तक नारायण व नर पर्वत बर्फ से लकदक थे, लेकिन अब बर्फ नाममात्र को ही रह गई है। बदरीनाथ के निकट माणा व बामणी गांव में भी अब हल्की-फुल्की बर्फ ही बची है। हालांकि, अभी भी बदरीनाथ हाइवे के दोनों किनारों पर दस फीट से ऊंचे हिमखंड खड़े हैं।
क्षेत्र के प्रगतिशील किसानों का कहना है कि ओलावृष्टि से फसलों को हुए नुकसान की शासन ने जिलों से नुकसान की रिपोर्ट मांगी है। इसलिए जिला प्रशासन, शासन को रिपोर्ट भेजने से पहले प्रत्येक क्षेत्र में हुए नुकसान का बारीकी से जायजा लेने के बाद ही रिपोर्ट भेजे।
चंबा के प्रगतिशील किसान शूरवीर सिंह राणा, कुशाल सिंह, दीप सिंह, केशवानंद आदि का कहना है कि जब भी ओलावृष्टि फसलों का नुकसान होता है प्रशासन धरातलीय अध्ययन किए बिना शासन को रिपोर्ट भेज देता है और शासन भी राहत के नाम पर मामूली धनराशि देकर जिम्मेदारी निभा लेता है। इस बार भी शासन ने प्रत्येक जिले से फसलों को हुए नुकसान की रिपोर्ट मांगी है, लेकिन अभी तक गांव में कोई भी नुकसान का आंकलन करने नहीं आया। उनका कहना है कि प्रशासन की टीम प्रत्येक विकासखंड में जो नुकसान हुआ है उसका वास्तविक आंकलन करे और उसके बाद रिपोर्ट तैयार करें।