नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट ने विधानसभा सचिवालय से बर्खास्त किये गए 102 अधिक कर्मचारियों की बर्खास्तगी आदेश के खिलाफ दायर याचिकाओं पर सुनवाई की। इस मामले को सुनने के बाद न्यायमूर्ति मनोज कुमार तिवारी की एकलपीठ ने विधानसभा सचिवालय के कर्मचारियों की बर्खास्तगी के आदेश पर अग्रिम सुनवाई तक रोक लगा दी है। साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि ये कर्मचारी अपने पदों पर कार्य करते रहेंगे।
बता दें कि पिछले दिनों उत्तराखंड में विधानसभा सचिवालय में बैकडोर भर्ती मामला तूल पकड़ने के बाद विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने विधानसभा सचिव मुकेश सिंघल को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करते हुए उनके खिलाफ जांच बैठा दी गई थी। विधानसभा में हुईं भर्तियों की जांच के लिए पूर्व प्रमुख सचिव डीके कोटिया की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय विशेषज्ञ जांच समिति बनाई थी। समिति की सिफारिशों के आधार पर विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूरी भूषण ने विधानसभा में बैकडोर से हुईं 250 भर्तियां रद्द कर दी थी। जिनमे 2016 में हुईं 150 तदर्थ नियुक्तियां, 2020 में हुईं छह तदर्थ नियुक्तियां, 2021 में हुईं 72 तदर्थ नियुक्तियां और उपनल के माध्यम से हुईं 22 नियुक्तियां रद्द की गई थी। और इन कर्मचारियों की बर्खास्तगी का निर्णय लिया था।
उत्तराखंड विधानसभा भर्ती में कब क्या हुआ…
- जुलाई 2022- यूकेएसएसएसी की भर्तियों के पेपर लीक की घटनाओं के साथ ही सोशल मीडिया में विधानसभा भर्तियों का मुद्दा उठना शुरू हुआ।
- अगस्त 2022- सोशल मीडिया में विधानसभा में हुई भर्तियों की सूची वायरल हुई, जिस पर पूर्व विस अध्यक्ष प्रेमचंद अग्रवाल के बयान के बाद विवाद गहरा गया।
- 28 अगस्त 2022- मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष से भर्तियों की जांच का अनुरोध किया। यह भी कहा कि सरकार की जहां आवश्यकता हो, सहयोग दिया जाएगा।
- 29 अगस्त 2022- पूर्व विधानसभा अध्यक्ष गोविंद सिंह कुंजवाल ने कहा, हां मैने अपने बेटे और बहू को नौकरी पर लगाया।
- 03 सितंबर 2022- विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी भूषण ने विधानसभा में हुई भर्तियों की जांच के लिए तीन सदस्यीय विशेषज्ञ जांच समिति का गठन किया।
- 22 सितंबर 2022– जांच समिति की रिपोर्ट के – आधार पर विस अध्यक्ष ने 250 भर्तियां रद्द कर दी।