कोरोना संक्रमण का कठिन समय हमारे लिए अपार अवसर भी लेकर आया है। कोरोना से निपटने में केंद्र सरकार ने समय रहते उचित कदम उठाए। सभी राज्य सरकारों ने भी कोरोना से निपटने के लिए अपनी जान झोंक दी है।
कोरोना के बहाने ही सही, हमारी स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारी परखने का मौका मिल गया। देशभर में पर्याप्त मात्रा में वेंटिलेटर्स और आईसीयू तैयार हुए हैं, लेकिन कोरोन को हराने में सबसे बड़ी भूमिका हम आम नागरिकों की है। हम में से हर एक को कोरोना वॉरियर्स बनना होगा। इस दौर में भारतीयों में कई अच्छी आदतें आई हैं। सफाई का ख्याल रखना हमारी जरूरत बन गया है। लॉकडाउन ने सबसे बड़ी बात जो हमे सिखाई वो है- परोपकार की सोच और सादगीपूर्ण जीवन जीना। हमें भारतवर्ष की इस महान परंपरा को जारी रखना होगा।
कोरोना होने से मौत हो जाती है, हमें इस डर से बाहर आना होगा। आद दुनिया में कोरोना मामलों में मृत्यु दर 1 प्रतिशत से भी कम है। हमे इस डर को अपने मन से निकालना होगा। हमें सकारात्मक सोच के साथ कोरोना के इस नकारात्मक माहौल को हराना है। हमें पॉजिटिव एटीट्यूड के साथ देश व प्रदेश को आगे ले जाने के लिए काम करना होगा।
ये मानकर चलिए कि हमें अब कोरोना के दौर में जीना होगा। लेकिन हम कोरोना के सामुदायिक संक्रमण को रोक सकते हैं। सतर्क रहकर हमें सोशल डिस्टेंसिंग का लगातार पालन करना होगा। हम खुद भी मास्क पहनें व दूसरों को भी प्रेरित करें, सफाई के लिए भी समाज को जागरुक करते रहें। सकारात्मक सोच रखें।