देहरादून: यूनिवर्सिटी में कैंटीन का ठेका दिलाने के नाम पर आरोपी ने पीड़ित से लाखों रुपये की ठगी की. जिसके बाद पीड़ित की तहरीर के आधार पर डालनवाला थाने में मुकदमा दर्ज किया गया. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. पुलिस द्वारा जांच के दौरान आने वाले तथ्यों के आधार पर कार्रवाई की जाएगी.
अंकुर गर्ग ने शिकायत दर्ज कराई कि वह केबल बिछाने का काम करता है. अंकुर की मुलाकात खलासी लाइन सहारनपुर निवासी विक्रम चौहान से हुई थी. विक्रम चौहान ने अंकुर की मुलाकात शाकुम्भरी एन्क्लेव रुड़की निवासी नरेंद्र कुमार से कराई थी. विक्रम और नरेंद्र ने अंकुर को रुड़की में स्थित क्वांटम यूनिवर्सिटी में कैंटीन दिलाने की बात कही. कैंटीन का ठेका दिलाने के एवज में साढ़े सात लाख रुपये फरवरी 2019 में देने के लिए कहा और कैंटीन में मई 2019 से काम शुरू होने का आश्वासन दिया.
अंकुर ने दोनों की बातों में आकर फरवरी में साढ़े सात लाख रुपये दे दिए. लेकिन दोनों आरोपियों ने अंकुर को कैंटीन का ठेका नहीं दिलाया. अंकुर द्वारा जब दोनों से अपने पैसे वापस मांगे गए तो दोनों ने आनाकानी शुरू कर दी. दबाव बढ़ता देख दोनों साफ तौर से मुकर गए कि उन्होंने पीड़ित से कोई वादा किया था और कोई रकम ली ली थी.
डालनवाला थाना प्रभारी मणिभूषण श्रीवास्तव ने बताया कि पीड़ित की तहरीर के आधार पर विक्रम और नरेंद्र के खिलाफ धोखाधड़ी की धारा के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है. साथ ही मामले की जांच शुरू कर दी गई. मणिभूषण श्रीवास्तव का कहना है कि अंकुर ने उन दोनों को पैसे कैसे ट्रांसफर किए इसकी जांच होगी. अगर उनके पास कोई रिकॉर्ड होगा तब इसको कोर्ट में साबित करना आसान होगा.
उन्होंने कहा कि जब कभी आप किसी से भी लेन-देन करें तब आप नकद में कभी भी लेन-देन न करें. ऐसे लेन-देन को वादाखिलाफी पर न्यायालय में साबित करना काफी मुश्किल होता है.