सचिव ऊर्जा राधिका झा ने बताया कि राज्य के ऊर्जा सेक्टर में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के अन्तर्गत सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जी.एस.डी.पी.) का अतिरिक्त 2 प्रतिशत ऋण सुविधा का लाभ लिए जाने हेतु निर्धारित लक्ष्यों से अधिक प्राप्त कर लिया गया है। भारत सरकार द्वारा राज्य को अतिरिक्त ऋण का लाभ उठाने हेतु राज्य में विद्युत हानियों तथा विद्युत के एसीएस-एआरआर गैप में कमी लाने के लक्ष्य निर्धारित किए गए हैं।
वर्ष 2019-20 में यूपीसीएल की एटीएण्डसी हानियाँ 20.44 प्रतिशत रही और भारत सरकार द्वारा दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से 31 दिसम्बर, 2020 तक इन एटीएण्डसी हानियों में 1.09 प्रतिशत की कमी का लक्ष्य रखा गया है, जिसके अनुसार यूपीसीएल की एटी एण्ड सी हानियां 31 दिसम्बर, 2020 तक 19.35 प्रतिशत होनी चाहिए। उन्होंने बताया कि अप्रैल 2020 से दिसम्बर 2020 तक की अवधि में यूपीसीएल की एटीएण्डसी हानियां निर्धारित लक्ष्य 19.35 प्रतिशत के सापेक्ष 19.01 प्रतिशत रही है। इस प्रकार यूपीसीएल द्वारा एटीएण्डसी हानियों में कमी लाने के निर्धारित लक्ष्य से अधिक प्राप्त कर लिया गया है। इसके परिणामस्वरूप उत्तराखण्ड राज्य को 0.05 प्रतिशत के अतिरिक्त ऋण का लाभ उठाने की अनुमति मिल जाएगी।
सचिव ऊर्जा ने बताया कि वर्ष 2019-20 के लिए एसीएस-एआरआर गैप रू0 0.40 प्रति यूनिट है और भारत सरकार द्वारा दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से 31 दिसम्बर, 2020 तक इन एसीएस-एआरआर गैप में 10 प्रतिशत की दर से कमी का लक्ष्य रखा गया है। इस प्रकार भारत सरकार द्वारा दिनांक 01 अप्रैल, 2020 से 31 दिसम्बर, 2020 तक इन एसीआर-एआरआर गैप रू0 0.36 प्रति यूनिट का लक्ष्य रखा गया है। अप्रैल 2020 से दिसम्बर 2020 तक की अवधि में यूपीसीएल का एसीएस-एआरआर गैप निर्धारित लक्ष्य रू0 0.36 प्रति यूनिट के सापेक्ष रू0 0.28 प्रति यूनिट रहा है। इस प्रकार यूपीसीएल द्वारा एसीएस-एआरआर गैप में कमी लाने के निर्धारित लक्ष्य से अधिक प्राप्त कर लिया गया है। इसके परिणामस्वरूप भारत सरकार द्वारा उत्तराखण्ड राज्य को 0.05 प्रतिशत के अतिरिक्त ऋण का लाभ उठाने की भी अनुमति मिल जाएगी।