NIA ने किसान नेताओं को भेजा समन, साजिश रचने का आरोप

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA)ने सिख फॉर जस्टिस (SFJ) मामले में एक दर्जन से अधिक लोगों को नोटिस भेजे हैं, जिनमें एक पत्रकार और तीन कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन से जुड़े किसान नेता और अन्य शामिल हैं. अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी. NIA के एक अधिकारी ने कहा, “NIA ने जांच के सिलसिले में कई लोगों को नोटिस भेजा है.” अधिकारी ने कहा कि मामले के कुछ विवरणों का पता लगाने के लिए उन्हें गवाह के रूप में बुलाया गया है.

यह पूछे जाने पर कि पत्रकार के अलावा और किसे तलब किया गया है, इस पर अधिकारी ने कहा, “मैं विशेष रूप से उन व्यक्तियों के पेशे के बारे में नहीं कह सकता, जिन्हें जांच के लिए बुलाया गया है.” अधिकारी ने कहा कि एजेंसी ने कई लोगों को जांच के लिए गवाह के रूप में बुलाया है. अधिकारी ने कहा, “उन्हें जांच के लिए कुछ विवरणों की पड़ताल करने के लिए बुलाया गया है.”

किसान नेता को 17 जनवरी को NIA के सामने हाेना होगा पेश

राष्ट्रीय जांच एजेंसी ने आतंकी फंडिंग से जुड़े मामले में किसान संगठन के नेता बलदेव सिंह सिरसा को भी पूछताछ के लिए बुलाया है. लोक भलाई इंसाफ वेलफेयर सोसायटी (LBIWS) के अध्यक्ष सिरसा का संगठन उन किसान संगठनों में शामिल है, जो केंद्र के साथ बातचीत में शामिल है.

NIA के समन के अनुसार, बलदेव सिंह सिरसा को 17 जनवरी को पूछताछ के लिए एजेंसी के सामने पेश होना है. सिंह के अलावा सुरेंद्र सिंह, पलविंदर सिंह, प्रदीप सिंह, नोबेलजीत सिंह और करनैल सिंह को भी 17 और 18 जनवरी को एजेंसी के सामने पेश होने को कहा गया है.

NIA ने पिछले साल 15 दिसंबर को आईपीसी की कई धाराओं सहित गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत एक मामला दर्ज किया था.

NIA की FIR में अलगाववादियों के साथ साजिश रचने का आरोप

FIR में NIA ने आरोप लगाया है कि एक गैर-कानूनी संगठन एसएफजे और अन्य खालिस्तानी आतंकवादी संगठनों ने भय और अराजकता का माहौल बनाने के लिए एक साजिश रची है. आरोप लगाया गया है कि ऐसे अलगाववादी संगठनों ने सरकार के खिलाफ विद्रोह के लिए लोगों को उकसाने का काम किया है.

FIR में यह भी कहा गया है कि अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, जर्मनी और अन्य देशों में जमीनी स्तर पर अभियान तेज करने और प्रचार के लिए भारी मात्रा में धन भी एकत्र किया जा रहा है.

इन अभियानों को नामित खालिस्तानी आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नू, परमजीत सिंह पम्मा, हरदीप सिंह निज्जर और अन्य द्वारा चलाया जा रहा है.

NIA की FIR में यह भी आरोप लगाया गया कि इस साजिश में शामिल एसएफजे और अन्य खालिस्तानी समर्थक तत्व लगातार सोशल मीडिया अभियान और अन्य माध्यमों से भारत में अलगाववाद के बीज बोना चाहते हैं. यह नेता भारत के टुकड़े करना चाहते हैं और खालिस्तान के नाम से अलग राष्ट्र के निर्माण का मंसूबा रखे हुए हैं. यही नहीं, ये समूह आतंकवादी कार्रवाई करने के लिए युवाओं को उग्र और कट्टरपंथी बना रहे हैं और उनकी भर्ती भी कर रहे हैं.

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