नोएडा पुलिस ने साल 2017 में फ्रीडम 251 रिंगिंग बेल्स घोटाले के कथित मास्टरमांइड मोहित गोयल समेत दो लोगों को गिरफ्तार किया है. दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी तब हुई जब देश भर में लोगों को ठगने वाले एक गिरोह का भंडाफोड़ नोएडा में हुआ. पुलिस ने बताया कि गिरोह कथित तौर पर ज्यादा दाम लगाकर थोक विक्राताओं से ड्राई फ्रूट और मसाले खरीदता था. मगर उसके बाद भुगतान नहीं करता था. इसके बाद गिरोह इस माल को खुले बाजार में बेचता था. संदिग्धों की पहचान नोएडा सेक्टर 50 निवासी मोहित गोयल और राजस्थान निवासी ओमप्रकाश जांगिड़ के रूप में हुई है.
पुलिस के अनुसार मोहित गोयल साल 2017 में हुए घोटाले का मास्टरमांइड है, जिसमें पीड़ितों को 251 रुपये में स्मार्टफोन देने की पेशकश की गई थी. गोयल को फरवरी 2017 में उन्हें ऑर्डर देने वाली कंपनी की शिकायत के बाद गिरफ्तार किया गया था. बता दें कि सबसे सस्ते स्मार्टफोन के प्री-आर्डर के चलते साल 2016 में कंपनी की वेबसाइट क्रैश हो गई थी.
ऐसे की जाती थी ठगी
लॉ एंड ऑर्डर ज्वाइंट कमिश्नर लव कुमार ने बताया कि मामले में जांच की गई है और पाया गया कि संदिग्ध नोएडा सेक्टर-62 में दुबई ड्राई फ्रुट्स के नाम से ऑफिस चला रहे थे. उन्होंने ड्राई फ्रूट और मसाले खरीदने के लिए थोक विक्रेताओं को बाजार मूल्य से ऊंची दामों की पेशकश की. शुरू में भरोसा कायम करने के लिए उन्होंने विक्रेताओं को ठीक प्रकार से भुगतान किया. लेकिन उसके बाद विक्रेताओं को 30 से 40 प्रतिशत एडवांस भुगतान कर बाकि राशि का पोस्ट डेटेड चेक देना शुरू कर दिया. जो बाद में बाउंस हो जाता था. संदिग्धों को ड्राई फ्रूट्स और मसालों को खुले बाजार में अच्छे भाव पर बेचा, जिससे उन्हें काफी मुनाफा हुआ.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि संदिग्धों ने कथित रूप से देश भर में 500 से अधिक लोगों के साथ इस प्रकार ठगी की है. संदिग्धों के खिलाफ अब तक ऐसे दो दर्जन मामले सामने आए हैं, जबकि अधिक मामलों की पहचान भी की जा रही है. पुलिस ने कहा कि संदिग्धों ने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तमिलनाडु में भी लोगों को ठगा है. एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि संदिग्ध कथित तौर पर देश भर में ज्यादातर ड्राई फ्रूट संबंधी घोटालों के लिए जिम्मेदार हैं.
लव कुमार ने बताया कि संदिग्धों ने साल 2017 में गुरुग्राम से कंपनी शुरू की, जिसके बाद उसे बंद कर दिया और नई जगह चले गए. इसके बाद उन्होंने साल 2019 में दुबई ड्राई फ्रुट्स के नाम से नोएडा सेक्टर-63 में नई कंपनी शुरू की. कुमार ने बताया कि गिरोह अच्छी संख्या में लोगों को ठगने के बाद कंपनी बंद कर देते थे और उसके बाद नई जगह पर नई फर्म शुरू कर देते थे.
वकीलों की टीम पर बड़ा खर्च
एक अन्य पुलिस अधिकारी ने बताया कि संदिग्धों ने कथित तौर पर अपनी कानूनी टीम के लिए बड़ी मात्रा में धनराशि रखी हुई है, जिसमें हाईकोर्ट के वकील भी शामिल हैं. ये टीम हर बार उनके खिलाफ मामला दर्ज करने के बाद हरकत में आ जाती है. अधिकारी ने बताया कि गोयल गिरफ्तारी के बाद असंतुष्ट था. मोहित गोयल का एक साथी अभी अग्रिम जमानत पर है.
पुलिस ने यह भी बताया कि उन्होंने गिरोह में काम करने वाले छह साथियों और कई सहयोगियों की पहचान भी की है, जिनमें विदेशी नागरिक भी शामिल हैं. लव कुमार ने बताया कि अभी कार्यालय में 56 कर्मचारी काम कर रहे थे. ग्राहक लाने पर कर्मचारियों को 2 प्रतिशत इंसेंटिव दिया जाता था. हम अभी उनके साथ जुड़े सभी लोगों की पहचान कर रहे हैं और फिर उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.
यहां निवेश किया ठगी का पैसा
पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि उन्होंने ठगी ने कितना मुनाफा कमाया है. पुलिस को आशंका है ये करोड़ों रुपये की ठगी हो सकती है. संदिग्धों द्वारा खरीदी गई संपत्ति की पहचान की जाएगी और फिर इसे जब्त किया जाएगा.
पुलिस के अनुसार गोयल और उनकी पत्नी ने एक वर्चुअल रियलिटी गेम कंपनी में ठगी से कमाए 10 करोड़ रुपये निवेश किए हुए हैं. संदिग्धों को नोएडा सेक्टर-50 के मेघदूतम पार्क के पास से पकड़ा गया . इनके पास से तीन फोन, 60 किलो ड्राई फ्रूट्स, एक ऑडी कार, एक इनोवा और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण बरामद किए गए हैं.
संदिग्धों को एक मजिस्ट्रेट के सामने पेश किया गया. जहां छह वकीलों की टीम ने आरोपियों के तर्क रखे. हालांकि अदालत ने उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.