रुड़की: चीनी मिलों में अब गन्ने की कमी होना शुरू हो गई है। इसकी वजह से मिल प्रबंधन परेशान है। लिब्बरहेड़ी चीनी मिल 24 घंटे बंद रहने के बाद शुक्रवार को चालू हुई। शुक्रवार को भी पेराई क्षमता से आधा ही गन्ना मिल पाया। वहीं इकबालपुर चीनी मिल में भी गन्ने की कमी बनी हुई है। दिसंबर माह तक चीनी मिलों को भरपूर मात्रा में गन्ना मिलता रहा। इसकी वजह यह रही कि 25 दिसंबर तक किसान गन्ने की कटाई कर गेहूं की बुआई करते रहे। इसके अलावा जनवरी माह के पहले सप्ताह में बारिश हुई। साथ ही अधिकांश किसान गेहूं की बुआई कर चुके हैं। ऐसे में चीनी मिलों में पेराई के लायक भी गन्ना नहीं पहुंच पा रहा है। लिब्बरहेड़ी चीनी मिल के महाप्रबंधक अनिल कुमार सिंह ने बताया कि बारिश के कारण चीनी मिल 24 घंटे तक बंद रही है। शुक्रवार को चीनी मिल को 35 हजार कुंतल गन्ना मिल पाया है।
किसानों से अनुरोध किया जा रहा है कि वह चीनी मिल को ही गन्ने की आपूर्ति करें। चीनी मिल की ओर से किसानों के गन्ने का भुगतान भी शुरू कर दिया गया है। वहीं इकबालपुर चीनी मिल में भी गन्ने की कमी बनी हुई है। चीनी मिल को पेराई क्षमता से आधा गन्ना ही मिल पा रहा है। चीनी मिल के प्लांट हेड सुरेश शर्मा ने बताया कि 48 घंटे चीनी मिल गन्ने की कमी से बंद रही है। किसानों से लगातार संपर्क साधा जा रहा है। किसानों से आग्रह किया जा रहा है कि वह मिल को ही गन्ना दें। नए साल का भुगतान भी शुरू कर दिया है। साथ ही पिछले साल का भुगतान भी कर दिया है। वहीं सहायक गन्ना आयुक्त शैलेंद्र सिंह ने बताया कि मौसम खराब होने के कारण ऐसा रहा है। जनवरी में वैसे भी गन्ने की कमी रहती है।