नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर के सभी निवासियों के लिए आयुष्मान भारत पीएम-जय सेहत योजना लॉन्च की. प्रधानमंत्री ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में आयुष्मान भारत पीएम-जय सेहत की शुरुआत की. इस योजना में जम्मू एवं कश्मीर के सभी निवासियों को शामिल किया जाएगा.
पीएम मोदी ने कहा, ‘जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित करने के एक साल के भीतर ही पंचायत स्तर के चुनाव आयोजित हो गए.’
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि हमारे देश में जिन लोगों ने दशकों तक शासन किया उनकी एक बहुत बड़ी भूल ये रही कि उन्होंने देश के सीमावर्ती इलाकों के विकास को पूरी तरह नजरअंदाज किया. उनकी सरकारों की इस मानसिकता ने जम्मू-कश्मीर और नॉर्थ ईस्ट को पिछड़ेपन में रहने के लिए मजबूर कर दिया. ऐसी मानसिकता कभी देश का संतुलित विकास नहीं कर सकती. ऐसी नकारात्मक सोच की हमारे देश में कोई जगह नहीं है, न सीमा के पास और न सीमा से दूर.
उन्होंने कहा कि अटल जी का जम्मू कश्मीर से एक विशेष स्नेह था. अटल जी इंसानियत, जम्हूरियत और कश्मीरियत की बात को लेकर हम सबको आगे के काम के लिए दिशा-निर्देश देते रहे हैं. आज जम्मू कश्मीर इसी भावना को लेकर आगे बढ़ रहा है.
पीएम मोदी ने कहा कि जिला विकास परिषद के चुनाव ने एक नया अध्याय लिखा है. जम्मू-कश्मीर के हर मतदाता के चेहरे पर मुझे विकास के लिए एक उम्मीद नजर आई. इन चुनावों में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने लोकतंत्र की जड़ों को और मजबूत करने का काम किया है.
उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जम्मू-कश्मीर में इन चुनावों ने ये भी दिखाया कि हमारे देश में लोकतंत्र कितना मजबूत है. लेकिन एक पक्ष और भी है, जिसकी तरफ मैं देश का ध्यान आकर्षित कराना चाहता हूं. पुडुचेरी में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बावजूद पंचायत और म्यूनिसिपल इलेक्शन नहीं हो रहे.
इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद रहे.
यह योजना जम्मू-कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश में रहने वाले सभी लोगों को मुफ्त बीमा कवर प्रदान करती है. इसके अंतर्गत जम्मू-कश्मीर के सभी निवासियों को फ्लोटर बेसिस पर पांच लाख रुपये प्रति परिवार वित्तीय कवर उपलब्ध कराया जाएगा.
पीएम-जय के परिचालन विस्तार से 15 लाख (लगभग) अतिरिक्त परिवारों को लाभ होगा. यह योजना बीमा मोड पर पीएम-जय के साथ मिलकर संचालित होगी. इस योजना का लाभ पूरे देश में कहीं भी उठाया जा सकता है. पीएम-जेएवाई योजना के तहत सूचीबद्ध अस्पताल इस योजना के तहत भी सेवाएं प्रदान करेंगे.
सार्वभौम स्वास्थ्य कवरेज (यूएचसी) में स्वास्थ्य संवर्धन से लेकर रोकथाम, उपचार, पुनर्वास और आवश्यक, गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवाओं का पूरा स्पेक्ट्रम और चिकित्सकीय देखभाल शामिल है. इसके माध्यम से सेवाओं तक सभी की पहुंच होती है, लोगों को अपनी जेब से स्वास्थ्य सेवाओं के लिए भुगतान करने की जरूरत नहीं पड़ती है और इलाज के चलते लोगों के गरीबी के दलदल में फंसने का जोखिम कम करता है.
आयुष्मान भारत कार्यक्रम के दो स्तंभों- स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों और प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना- के तहत सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज हासिल करने की परिकल्पना की गई है.