कांग्रेस पार्टी में बड़े फेरबदल की तैयारी, जल्द होगी नए प्रदेश अध्यक्षों की नियुक्ति

नई दिल्ली। कांग्रेस पार्टी में राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव को लेकर हाल के दिनों में चर्चा तेज है लेकिन उससे पहले पार्टी में बड़े फेरबदल हो सकते हैं। इंडिया टीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी में राज्यों में नए प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्षों की नियुक्ति कर सकती है। इंडिया टीवी को सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शुरुआत में गुजरात, तेलंगाना और महाराष्ट्र में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष बदले जा सकते हैं। इसके अलावा मध्य प्रदेश में भी नए प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष की नियुक्ति हो सकती है।

सूत्रों के मुताबिक सबसे पहले गुजरात में नए प्रदेश कांग्रेस कमेटी अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक दल के नेता की नियुक्ति हो सकती है, इसी महीने के अंत तक यह नियुक्ति होने की संभावना है। उप चुनावों में हार के बाद गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अमित चावड़ा अपने पद से त्यागपत्र दे चुके हैं। गुजरात में फरवरी के दौरान स्थानीय निकाय चुनाव होने हैं और स्थानीय चुनावें में पार्टी नई टीम के साथ उतर सकती है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल के निधन के बाद गुजरात में कांग्रेस के लिए यह पहला चुनाव होगा।

मध्य प्रदेश में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ प्रदेश अध्यक्ष हैं, लेकिन कयास लगाए जा रहे हैं कि उन्हें दिल्ली वापस बुलाया जा सकता है। महाराष्ट्र में भी मुंबई कांग्रेस का अध्यक्ष बदलकर पार्टी ने संकेत दिए हैं कि नए प्रदेश अध्यक्ष की नियुक्त हो सकती है, ऐसी संभावना है कि किसी गैर मराठा को प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त किया जा सकता है क्योंकि मुंबई कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष मराठा को बनाया गया है, प्रदेश अध्यक्ष के लिए सुनील केदार, विजय वडेट्टीवार का नाम सबसे आगे चल रहा है। ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम चुनाव में पार्टी की हार के बाद तेलंगाना काग्रेस अध्यक्ष ने हार की जिम्मदारी लेते हुए पद से त्यागपत्र दे दिया है। इसके अलावा बिहार में भी विधानसभा चुनाव में पार्टी को शर्मनाक हार का सामना करना पड़ा है और ऐसी संभावना है कि वहां पर भी नए अध्यक्ष की नियुक्ति हो सकती है।

कई राज्य ऐसे भी हैं जहां पर प्रदेश कांग्रेस कमेटी का लंबे समय से गठन नहीं हुआ है और ऐसे राज्यों में हरियाणा भी शामिल है। संभावना है कि हरियाणा में जल्द पीसीसी का गठन हो सकता है और  पीसीसी के गठन के साथ कई संगठनात्मक बदलाव भी मुमकिन हैं।

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