उत्तरकाशी: जड़ी बूटी उत्पादन की अपार संभावनाओं के बावजूद सरकारी मदद नहीं मिलने से जिले का भेषज सहकारी संघ बंदी की कगार पर है। संघ के वार्षिक अधिवेशन में आय-व्यय के ब्यौरे के साथ ही नए साल की कार्ययोजना प्रस्तुत की गई। बीते वित्तीय वर्ष में संघ को महज 4.36 लाख रुपये का मुनाफा हुआ। भेषज संघ के पदाधिकारियों ने कर्मचारियों के वेतन मद में सरकार से मदद की जरूरत बताई।
शुक्रवार को जिला भेषज सहकारी संघ का 43वां वार्षिक अधिवेशन आयोजित किया गया। अधिवेशन में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुए यमुनोत्री विधायक केदार सिंह रावत ने कहा कि जनपद में जड़ी बूटी उत्पादन की अपार संभावनाएं हैं। उन्होंने जड़ी बूटी कृषिकरण के लिए सरकार द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देते हुए अधिक से अधिक जड़ी बूटी उत्पादकों को भेषज संघ से जोड़ने को कहा। भेषज संघ के सचिव महिपाल परमार ने बताया कि कोरोना काल के चलते भेषज संघ के कार्य प्रभावित हुए हैं।
इसके साथ ही सरकार द्वारा जड़ी बूटी के कार्य में वन विकास निगम को भी शामिल करने से भी भेषज संघ के व्यवसाय पर प्रभाव पड़ा है। इस मौके पर भेषज संघ के अध्यक्ष अतोल सिंह रावत, उपाध्यक्ष मदन लाल बिजल्वाण, संचालक कमलनयन नौटियाल, सरदार रावत, जगदीश नौटियाल, किरन थपलियाल, आलेंद्र भंडारी, दुर्गेश अवस्थी आदि अनेक लोग मौजूद रहे।