लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग निर्माण को वाइल्ड लाइफ बोर्ड से मिली अनुमति

कोटद्वार: प्रदेश की रीढ़ की हड्डी माना जाने वाला लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग पिछले 20 सालों से राजनीति का शिकार रहा है. लेकिन अब लगता है कि इसका निर्माण जल्द हो जाएगा. भारत सरकार और नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने सड़क निर्माण के लिए अनुमति दे दी है. हालांकि उन्होंने इस सड़क को बनाने के लिए कुछ शर्तें रखी हैं. इसके साथ ही इसके निर्माण के लिए शासन से स्वीकृति मिलना अभी बाकी है. इस मोटर मार्ग का निर्माण पौने दस करोड़ रुपए की लागत से किया जाएगा.

यह सड़क कोटद्वार भाबर ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश की रीढ़ की हड्डी मानी जाती है. इस सड़क के बनने से प्रदेश की जनता को कुमाऊं से देहरादून और देहरादून से कुमाऊं जाने के लिए उत्तर प्रदेश की सड़कों का सहारा नहीं लेना पड़ेगा. लेकिन 20 सालों में सरकारों ने इस सड़क का निर्माण कार्य नहीं किया. वर्तमान सरकार के भी चार साल पूरे होने को है और अब सरकार नींद से जाग कर सड़क निर्माण की बात कह रही है. सरकार के मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि पौने दस करोड़ की लागत से सड़क का निर्माण कार्य किया जाएगा.

वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग को लेकर वन विभाग मुख्यालय में एक बैठक की गई. भारत सरकार और नेशनल वाइल्ड लाइफ बोर्ड ने सड़क निर्माण के लिए अनुमति दे दी है, लेकिन उन्होंने इस सड़क को बनाने के लिए कुछ शर्तें रखी हैं. वाइल्ड लाइफ चीफ की देखरेख में इस सड़क का निर्माण कार्य होना है, जिससे कि जीव-जंतुओं का संरक्षण भी हो सके और सड़क का निर्माण कार्य भी पूरा हो जाए.

हरक सिंह रावत ने कहा कि सड़क निर्माण के लिए कार्यदाई संस्था लोक निर्माण विभाग को बनाया गया है. लोक निर्माण विभाग ने पौने दस करोड़ रुपये का इस्टीमेट वन विभाग को सौंपा है. शासन में यह प्रस्ताव प्रोसेसिंग में है. हम उम्मीद कर रहे हैं कि शासन से भी जल्द लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग को स्वीकृति मिल जाएगी. नेशनल वाइल्ड लाइफ के द्वारा दिए गए निर्देशों पर इस सड़क का निर्माण कार्य हमारी सरकार जल्द ही पूरा करेगी.

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