निर्माणाधीन सड़कों के कटान में विस्फोटको के प्रयोग से बढ़ा खतरा

बागेश्वर: प्रधानमंत्री सड़क योजना के तहत निर्माणाधीन पतियासार-बैछम, खलझूनी-झूनी मोटर मार्ग से भद्रतुंगा स्थित संत रमानंद के आश्रम, मंदिर और माइक्रो हाइडिल पावर हाउस खतरे में आ गया है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि सड़क को कटाने में विस्फोटक पदार्थ का प्रयोग किया जा रहा है। जिसकी वजह से बोल्डर गिर रहे हैं और स्थानीय घरों को खतरा पैदा हो गया है। उन्होंने सड़क निर्माण करने वाली एजेंसी की शिकायत उपजिलाधिकारी कपकोट से की है। उपजिलाधिकारी कपकोट प्रमोद कुमार को दिए ज्ञापन में स्थानीय लोगों ने कहा कि कपकोट क्षेत्र भूकंप और भूस्खलन की दृष्टि से जोन पांच में आता है। लेकिन सड़क काटने में विस्फोटक पदार्थ का प्रयोग हो रहा है। जिससे भविष्य में भूकंप और भूस्खलन होने की आशंका तेज हो गई है। उन्होंने कहा कि विस्फोटक पदार्थ के प्रयोग करने से बोल्डर और मलबा भद्रतुंगा स्थित आश्रम, मंदिर, माइक्रो हाइडिल के पावर हाउस के आसपास गिरने लगे है।

उन्होंने कहा कि पूर्व में भी इसकी शिकायत की गई थी। एसडीएम ने प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अधिशासी अभियंता को तलब भी किया था और विस्फोटक पदार्थ का प्रयोग नहीं करने की हिदायत दी थी। बावजूद पहाड़ को तोड़ने के लिए अभी भी विस्फोट किए जा रहे हैं। सरमूल, सौधारा, भद्रतुंगा विकास एवं सरयू संरक्षण समिति के सदस्य भीम सिंह दानू ने कहा कि निर्माणाधीन सड़क की गुणवत्ता ठीक करने, विस्फोटक का उपयोग न करने को लेकर कपकोट के उपजिलाधिकारी भद्रतुंगा का दौरा भी कर चुके हैं। विभाग व ठेकेदार को आवश्यक निर्देश भी दिए हैं। इसके बावजूद ठेकेदार के द्बारा आश्रम के पीछे की चट्टान को काटने के लिए विस्फोटक का उपयोग किया जा रहा है। ग्रामीण अर्जुन सिंह, हीरा सिंह, नरेंद्र सिंह, मानुली देवी, राजेंद्र सिंह, मोहन सिंह, कमल सिंह आदि ने अविलंब विस्फोटकों का प्रयोग रोकने की मांग की है। ऐसा नहीं होने पर भविष्य में पहाड़ के खिसकने की आशंका जताई है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *