अल्मोड़ा में मनरेगा के आजीविका मॉडल से बेरोजगार बनेंगे आत्मनिर्भर

अल्मोड़ा: कोरोना काल में बेरोजगारों के रोजी-रोटी का सहारा बनी महात्मा गांधी ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) अब ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों को आत्मनिर्भर भी बनाएगी. जी हां मनरेगा के तहत अब ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को स्वरोजगार के अवसर भी उपलब्ध होने जा रहे हैं. उत्तराखंड सरकार ने मनरेगा के तहत ‘आजीविका पैकेज मॉडल’ लागू किया है. जिसके तहत जॉब कार्ड धारक अब स्वरोजगार भी शुरू कर सकता है. इसके लिए उसे अधिकतम 99 हजार रुपए तक दिए जाएंगे.

मनरेगा में केद्राभिसरण के माथ्यम से ग्रामीण आजीवीका में सुधार के लिए आजीविका पैकेज मॉडल लागू कर दिया गया है. इसमें चयनित परिवारों को उनकी भूमि की उपलब्धता और रुचि के अनुसार एक से अधिक सेक्टर में आजीविकापरक परिसंपत्तियां प्रदान की जाएगी.

इस बारे में ज्यादा जानकारी देते हुए अल्मोड़ा जिले के मुख्य विकास अधिकारी नवनीत पांडे ने बताया कि जिले में मनरेगा से ग्रामीणों को रोजगार दिलाने में पूरा फोकस किया गया है. मनरेगा को लेकर शासन से मिले टारगेट को पूरा किया जा चुका है. अब मनरेगा के तहत आजीविका पैकेज में कार्य किया जा रहा है. जिसके तहत जॉब कार्ड धारकों को मुर्गी पालन, बकरी पालन, गोशाला निर्माण के लिए यह पैकेज दिया जाएगा. जिसके तहत ग्रामीण क्षेत्रों के लोग स्वरोजगार कर आत्मनिर्भर हो सकेंगे.

इस आजीविका पैकेज तहत लाभार्थी को अधिकतम 99 हजार तक का पैकेज स्वरोजगार के लिए मिलेगा. इस आजीविका पैकेज के तहत नर्सरी, होम फ्रूट गार्डन, मत्स्य पालन, मशरूम उत्पादन, लैमन ग्रास का रोपण, पशुपालन, कुकट पालन, बकरी पालन, सब्जी उत्पादन, गोशाला निर्माण जैसी गतिविधियां इस मॉडल में शामिल हैं. प्रत्येक गतिविधि के लिए मनरेगा और संबंधित विभाग मिलकर कदम उठाएंगे.

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