देहरादून (नेटवर्क 10 टीवी)। कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने प्रधानमन्त्री मोदी से उत्तराखंड के निवासियों की सहायता हेतु पत्र लिखा है। उपाध्याय ने कहा कि प्रधानमन्त्री ने अनेकों बार उत्तराखंड के प्रति अपने विशेष प्रेम व अनुराग, उत्तराखंड से उन्ही मिली शक्ति और प्रेरणा का सार्वजनिक रूप से ज़िक्र कियाहै।प्रधानमंत्री इस भूमि में तपस्या, काशी में 2014 के लोक सभा चुनाव में “गंगा ने उन्हें बुलाया है” और परम तपस्वी दयानन्द जी के निधन पर उन्होंने कहा था कि दयानन्द जी उनके आध्यात्मिक मार्गदर्शक गुरू रहे हैं, दयानन्द जी ऋषिकेश में रहते थे।
पिछले लोक सभा चुनाव में तो वे श्री केदारनाथ में राज्य प्राप्ति हेतु तपस्यारत भी रहे हैं। उपाध्याय ने कहा कि जिस धरती से उन्हें प्रेरणा और शक्ति मिली है, वह धरती और वहाँ के निवासी इस समय अत्यन्त कठिन स्थितियों का सामना कर रहे हैं, यहाँ तक कि सबसे श्रेष्ठ धाम श्री बद्रीश भगवान के कपाटों को खोलने का मुहूर्त दुबारा निकालना पड़ा, तय मुहूर्त पर कपाट नहीं खुल पाये।
उपाध्याय ने श्री मोदी को याद दिलाया कि उत्तराखंड की आर्थिकी पर्यटन, ट्रांसपोर्ट और धार्मिक पर्यटन पर निर्भर करती है। उत्तराखंड शिक्षा का भी हब है।देहरादून, मसूरी और नैनीताल शिक्षा के लिये सुविख्यात हैं।
लॉक डाउन और कोरोना के कारण उत्तराखंड की पूरी अर्थव्यवस्था चौपट हो गयी है, होटल, ट्रांसपोर्ट, रेस्टौरेंट, ढाबे, घोड़े चालक, पालकी वाले, जीप, टैक्सी और मैक्सी से जुड़े लोगों की भुखमरी की नौबत आ गयी है।इस समय पूजा-पाठ, बैंड वाले, फ़ोटोग्राफ़र, तीर्थ पुरोहित आदि के सामने परिवारों की भरण-पोषण की कठिनाई पैदा हो गयी है।
बाग़वानी,नक़दी फसलें और किसान असमय बारिश और ओला वृष्टि से बर्बाद हो गये हैं।उद्योग-धँधे, वणिज-व्यापार ख़त्म हो गया है।मज़दूर के सामने स्वयं व परिवार को कैसे ज़िन्दा रखे? यक्ष प्रश्न खड़ा हो गया है।
अत: इस परिस्थिति से उबरने हेतु मैं ये 3-4 छोटे सुझाव या निवेदन आपके सम्मुख रख रहा हूँ:-
1. ऋणों की उगाही रोकी जाय, तब चाहे वे कृषि ऋण हों या व्यावसायिक, बल्कि इन्हें माफ़ किया जाय।
2. बिजली-पानी के बिल माफ़ किये जायँ।
3. प्रदेश में हर परिवार को एक रसोई गैस सिलेंडर प्रतिमाह निशुल्क दिया जाय।
4. स्थिति सामान्य होने तक प्रति परिवार हर माह रू 10000/-अनुग्रह राशि दी जाय।
उपाध्याय ने कहा कि उन्होंने e-mail से पत्र भेजा है और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल व प्रधानमंत्री के सलाहकार भास्कर ख़ुल्बे को भी पत्र की प्रति भेजी है।
उपाध्याय ने कहा कि यदि प्रधानमन्त्री जी उनकी इन माँगों को मान लेते हैं तो वे केन्द्र सरकार के उस फ़ैसले का स्वागत करेंगे, जिसमें बड़े लोगों का 68000 करोड़ रुपय्या माफ़ कर दिया गया है।