पटना. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत (Mohan Bhagwat) पटना पहुंच चुके हैं. वे पांच और छह दिसंबर यानी शनिवार व रविवार को पटना बायपास स्थित सरस्वती केशव विद्यामंदिर में अखिल भारतीय कार्यकारी मंडल की क्षेत्र स्तर की आयोजित होने वाली बैठक में भाग लेंगे. कार्यकारी परिषद की बैठक में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत और सरकार्यवाह भैय्याजी जोशी के साथ बिहार और झारखंड से संघ के 40 कार्यकर्ता शामिल होंगे. मिली जानकारी के अनुसार पटना में होने वाली क्षेत्रीय कार्यकारी मंडल की बैठक में उत्तर व दक्षिण बिहार के साथ ही झारखंड प्रांत के संघ के पदाधिकारी भी भाग लेंगे.
दो दिनों तक चलने वाली इस बैठक में कोरोना में स्वयंसेवकों द्वारा किए गए सेवा कार्यों की चर्चा और समीक्षा की जाएगी. साथ ही कोरोना से प्रभावित जनजीवन, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वावलंबन, स्वदेशी जैसी गंभीर और समसामयिक विषयों पर भी चर्चा होगी. इसके साथ ही बदलते परिवेश में संघ द्वारा 95 वर्षो से निरंतर व्यक्ति निर्माण के कार्य, कार्यक्रम, नित्य चलने वाली शाखाओं के स्वरूप पर भी चर्चा किए जाने की संभावना है.
मोहन भागवत के बिहार दौरे पर सियासत भी तेज है. राजद और कांग्रेस ने जहां सीएम नीतीश कुमार की धर्मनिर्पेक्षता को लेकर निशाना साधा है, वहीं जेडीयू नेता केसी त्यागी ने इस पर पलटवार किया है. केसी त्यागी ने कहा, संघ प्रमुख हर राज्य में जाते हैं. वैचारिक तौर पर जेडीयू दूरी बनाता है, लेकिन किसी भी विचार के प्रमुख को कहीं भी घूमने-फिरने और अपनी बात रखने की आज़ादी रही है. संघ प्रमुख तो केरल और पश्चिम बंगाल भी जाते हैं जहां विरोधी सरकार है.
बता दें कि आरएसएस के कार्यो की समीक्षा और आगे के कार्यो की योजना के लिए कार्यकारी मंडल की नियमित बैठक दीपावली के समीप रहती है. इसमें प्रांत, संघचालक, कार्यवाह, प्रचारक तथा कई लोग भाग लेते हैं. इस वर्ष यह बैठक उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में होनी थी, लेकिन वैश्विक बीमारी कोरोना के कारण इस बैठक को स्थगित करना पड़ा.
बदलते परिवेश और सरकार के दिशा निर्देशों के अनुपालन को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय लिया गया है कि यह बैठक अखिल भारतीय स्तर पर ना कर के क्षेत्र अनुसार की जाए. ऐसा पहली बार हो रहा है. गौरतलब है कि संघ ने अपने कार्य को सूचारू रूप से चलाने के लिए देश को 11 क्षेत्रों में बांटा हुआ है. उत्तर-पूर्व क्षेत्र (बिहार, झारखंड) की बैठक का आयोजन पटना में किया जा रहा है. इसी तरह से सारे देश में यह बैठकें हो रही हैं.