नई दिल्ली। केंद्र सरकार (Central Government) के नए कृषि कानूनों के खिलाफ हरियाणा और पंजाब के किसानों का आंदोलन जारी है। इस बीच विरोध प्रदर्शन कर रहे मनसा और मोगा के दो किसानों की मौत हो गई। ऐसे में पंजाब (Punjab) के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Amarinder Singh) ने दोनों किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे का ऐलान किया है।
जान गंवाने वाले किसानों को मुआवजे का ऐलान
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले दो किसानों के परिवारों के लिए मुआवजे का ऐलान किया। कैप्टन ने कहा कि मनसा और मोगा के रहने वाले दो किसानों के परिवार को पांच-पांच लाख रुपए की राशि दी जाएगी। बता दें कि बुधवार को मनसा के रहने वाले किसान की मौत हो गई थी। वहीं गुरुवार सुबह मोगा के एक किसान की भी मौत की खबर आई है।
अमरिंदर बोले- जल्द हो समाधान नहीं तो इकोनॉमी पर खतरा
इससे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह देश के गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) से मुलाकात की। माना जा रहा है कि दोनों के बीच किसान आंदोलन को लेकर बातचीत हुई। गृहमंत्री से मिलने के बाद अमरेंद्र सिंह ने कहा कि किसान आंदोलन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा है, इसका जल्द ही निदान निकालना चाहिए। उन्होंने कहा कि मैंने गृह मंत्री को पंजाब में अपनी स्थिति दोहराई है और कहा है कि जल्दी इसका कोई हल निकलना चाहिए और पंजाब के किसानों को भी अपील करता हूं कि हम जल्दी इसका हल निकालें क्योंकि इसका पंजाब की अर्थव्यवस्था और राष्ट्रीय सुरक्षा पर असर हो रहा है।
अमरिंदर ने की शाह से की मुलाकात
नए कृषि कानूनों को लेकर केन्द्र और किसानों के बीच जारी गतिरोध को खत्म करने के लिए पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने बृहस्पतिवार को केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की। सूत्रों ने बताया कि बैठक ऐसे समय पर हो रही है, जब प्रदर्शन कर रहे किसान नेता विज्ञान भवन में सरकार के साथ बैठक कर रहे हैं। सूत्रों के अनुसार बैठक सुबह होनी थी लेकिन दो घंटे विलंब के कारण दोपहर में शुरू हुई।
प्रदर्शन में ज्यादातर किसान पंजाब से
पंजाब के मुख्यमंत्री और उनकी कांग्रेस पार्टी किसान आंदोलन का समर्थन कर रही है और पंजाब विधानसभा ने केन्द्र के नए कृषि कानूनों को निष्प्रभावी बनाने के लिए विधेयक भी पारित किए हैं। सिंह ने पहले कहा था कि वह और उनकी सरकार सभी के सामूहिक हित में केंद्र और किसानों के बीच मध्यस्थता के लिए तैयार हैं। प्रदर्शनकारी किसान राष्ट्रीय राजधानी से लगी सीमाओं पर डटे हैं और सरकार से नए कृषि कानून वापस लेने की मांग कर रहे हैं। उनमें से ज्यादातर किसान पंजाब से हैं।