लंबे घमासान के बाद आज किसान और सरकार के बीच बातचीत हुई. दिल्ली के विज्ञान भवन में किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच करीब 4 घंटे तक बैठक चली. हालांकि ये बातचीत बेनतीजा रही. 3 दिसंबर को एक बार फिर किसान संगठनों और केंद्र सरकार के बीच बैठक होगी.
जारी रहेगा किसानों का आंदोलन
सूत्रों के मुताबिक, किसानों को समिति पर कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन उनका कहना है कि जबतक समिति कोई निष्कर्ष पर नहीं पहुंचती और कुछ ठोस बात नहीं निकलती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा. सरकार ने ये भी प्रस्ताव दिया है कि समिति रोजाना बैठकर चर्चा करने को तैयार है, ताकि जल्द नतीजा निकल सके. सूत्रों के मुताबिक, एक किसान प्रतिनिधि ने कहा कि ये नए कानून किसानों के लिए ‘डेथ वारंट’ हैं.
सरकार से बोले किसान- आप हमारा भला मत कीजिए
सूत्रों के मुताबिक, किसान संगठन के प्रतिनिधि ने कहा कि आप लोग ऐसा कानून लाए हैं जिससे हमारी जमीने बड़े कॉरपोरेट ले लेंगे, आप कॉरपोरेट को इसमे मत लीजिए. अब समिति बनाने का समय नहीं है. आप कहते हैं कि आप किसानों का भला करना चाहते हैं, हम कह रहे हैं कि आप हमारा भला मत कीजिए.
बैठक में कृषि मंत्री ने क्या बोला
सूत्रों के मुताबिक, बैठक में एक किसान संगठन के प्रतिनिधि ने कहा कि किसान कृषि कानूनों के खिलाफ सड़कों पर हैं. और उन्होंने मांग किया कि सरकार को इसे वापस लेने पर विचार करना चाहिए. कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर ने किसानों से बैठक में कहा कि 4 से 5 नाम अपने संगठन से दीजिए, एक समिति बना देते हैं जिसमे सरकार के लोग भी होंगे, कृषि एक्सपर्ट भी होंगे, नए कृषि कानून पर चर्चा करेंगे. लेकिन किसान संगठनों ने सरकार के इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया है.
सरकार की ओर से दिया जा रहा प्रेजेंटेशन
सूत्रों के मुताबिक, विज्ञान भवन में किसानों के साथ बैठक में APMC Act and MSP पर सरकार की तरफ से प्रेजेंटेशन दिया जा रहा है. सरकार किसानों को MSP पर समझाने की कोशिश कर रही है.