हिमालय से सटे गांवों में लगभग तीन माह का अघोषित ‘लाकडाउन’ की तैयारी

बागेश्वर: हिमालय से सटे गांवों में लगभग तीन माह का अघोषित ‘लाकडाउन’ होने जा रहा है। मौसम की पहली बर्फबारी होने के बाद गांवों में शीतलहर का असर है। प्रशासन ने गांवों में राशन की आपूर्ति कर दी है। ग्रामीणअन्य जरूरी सुविधाएं भी इस बीच जुटाने में लगे हैं। पहाड़ का जीवन बेहद कठिन है। लेकिन यहां की हवा और पानी लोगों को नई ऊर्जा प्रदान करती है। हिमालय से सटे लगभग 12 गांवों के लोगों का जीवन शीतऋतु में बेहद दुखदायी होता है। लेकिन इन गांवों के लोगों ने अपने को प्रकृति के साथ साध भी लिया है। हिमालयी क्षेत्र से सटे खाती, बदियाकोट, वाछम, कर्मी, उंगिया, किलपारा, जांतोली, समडर, रिखाड़ी, कुंवारी, मल्लाडुंगर्चा, तलाई गांवों की जनसंख्या लगभग 20 हजार है। यहां के लोग दिसंबर, जनवरी और फरवरी माह के लिए राशन, तेल, नमक, गुड़, चीनी समेत तमाम मूलभूत सुविधाएं अक्टूबर माह से जुटाना शुरू कर देते हैं। यह गांव लगभग तीन माह तक बर्फबारी के कारण अलग-थलग रहते हैं। यहां जमकर बर्फबारी होती है और रास्ते आदि पूरी तरह बंद हो जाते हैं।

शीतऋतु के लिए अन्न का भंडारण

पूर्ति निरीक्षक बबलू पांडे ने बताया कि खातीगांव, बदियाकोट, वाछम, कर्मी, उंगिया, मल्लाडुंगर्चा, तलाई के खाद्य गोदामों में अक्टूबर की शुरुआत में छह महीने का राशन भिजवा दिया था। इन गोदामों में करीब दो हजार क्विंटल गेहूं, चावल भेजा गया था, जो राशन विक्रेताओं के पास पहुंच गया है।

उजाले का साधन सौर ऊर्जा

हिमालयी क्षेत्र से सटे गांव कर्मी में बिजली सुविधा है। उंगिया, मल्लाडुंगर्चा, बदियाकोट में पनबिजली परियोजना, खाती, किलपारा, कुंवारी में सौर ऊर्जा, वाछम के खरकिया तोक में रहने वाले 10 परिवारों को यूपीसीएल की बिजली मिलती है। 11 परिवारों सोलर पैनल से काम चलाते हैं।

भेड़ नीचे की तरफ आने लगी

जिले के अंतिम गांव खाती निवासी यामू सिंह ने बताय कि बर्फबारी से पहले भेड़ बकरियों बुग्यालों से नीचे की तरफ आने लगे हैं। जलस्रोतों की कमी है। कई बार लोग बर्फ को गरम कर पानी के रूप में सेवन भी करते हैं। सामान की कमी वैसे तो होती नहीं है, लेकिन यदि जरूरत पड़ती है तो तहसील मुख्यालय कपकोट की बाजार तक 20 से 30 किमी तक पैदल चलकर आते हैं।

बर्फबारी वाले गांवों के गोदामों मार्च 2021 तक राशन की आपूर्ति पूरी कर ली गई है। सभी सस्ता गल्ला बिक्रेताओं को दिशा-निर्देश भी जारी किए गए हैं कि वे उपभोक्ताओं को समय से गेहूं, चावल और दाल आदि की आपूर्ति करेंगे।

 -अरुण कुमार वर्मा, जिला पूर्ति अधिकारी बागेश्वर।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *