देहरादून(नेटवर्क 10 संवाददाता) तमाम विवादों के बीच लॉकडाउन के कारण अन्य प्रदेशों में फंसे उत्तराखण्डवासियों की घर वापसी होने लगी है। अब तक कुल 7715 लोगों को उत्तराखंड लाकर उनके घरों तक पहुंचाया जा चुका है।उत्तराखंड सरकार व पुलिस प्रशासन इस कार्य मे मुस्तैदी से लगा है।
बता दें कि दो दिन पहले एक खबर वायरल हुई थी जिसमे कहा गया था कि से केंद्र की गाइडलाइन के अनुसार राज्य सरकार केवल उन्हीं को वापस लाएगी जो राहत शिविरों में फंसे हैं या रास्तों में हैं। इस फैसले के बाद लोगों में चौतरफा आक्रोश पनप गया था।लोग सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की कटु आलोचना करने लगे थे।
हालांकि सरकार ने समय रहते स्थिति को संभाला और सभी तरह के प्रवासियों को वापस लाने के लिए कमर कसी।इसी कड़ी में मंगलवार को विभिन्न प्रांतों से 113 बसों के जरिए 5669 लोगों को उत्तकराखण्ड लाया गया। राजस्थान से 973, हरियाणा से 1007, चंडीगढ़ से 3113 लोगों को लाया गया। इसके अलावा 576 अपने वाहनों से भी पहुंचे।
उत्तराखंड पुलिस के मुताबिक बीते दिनों से दूसरे राज्यों में फंसे अब तक 7715 लोगों को उत्तराखंड में लाया गया है। इन यात्रियों की जगह जगह स्क्रीनिंग की जा रही है। राज्य में पहुंचने और पूरी जांच के बाद ही उन्हें अपने घरों तक भेजा जा रहा है। यात्रियों ने बताया कि उनको वापस लाने के लिए राज्य सरकार व पुलिस प्रशासन ने बेहतरीन इंतजाम किए हैं। स्वच्छता का ध्यान रखते हुए जगह जगह भोजन का भी प्रबंध किया गया है। यात्रियों ने बताया कि उनसे बस यात्रा के लिए कोई भी शुल्क नहीं लिया जा रहा है।
गौरतलब है कि केंद्र की हरी झंडी मिलते ही प्रवासियों को लाने के लिए राज्य सरकार ने रजिस्ट्रेशन लिंक जारी किया था जिस पर विभिन्न राज्यों से 1 लाख 67 हजार से ज्यादा लोगों ने पंजीकरण कराया है। सरकार अब एक एक कर सभी राज्यों से लोगों को घर लाना चाहती है। उत्तराखण्ड पुलिस ने SDRF को इस मिशन के जिम्मा सौंपा है।