चमोली (नेटवर्क 10 संवाददाता) भगवान श्री बद्रीबिशाल जी के महाभिषेक में नित्य प्रयोग किये जाने वाले तिलों के तेल की गाड़ू घड़ा तेल कलश यात्रा 5 मई को टिहरी राज दरवार से चलने के बाद आज चमोली जिले के डिम्मर गांव स्थित लक्ष्मी नारायण मंदिर पहुची।
यात्रा में चल रहे पुजारियो ने बताया कि करीब एक सप्ताह डिम्मर गांव के लक्ष्मी नारायण मंदिर में विश्राम करने के उपरांत यह यात्रा दूसरे चरण में 12 मई को जोशीमठ के नर्शिग मन्दिर के लिए प्रस्थान करेगी और यात्रा का रात्रि विश्राम जोशीमठ में ही होगा। 13 मई को गाड़ू घड़ा तेल कलश यात्रा जोशीमठ से प्रस्थान कर शाम को पांडुकेश्वर के योग ध्यान बदरीं मन्दिर में पहुचेगी।
14 मई को कुबेर जी, उद्धव जी, पूज्य रावल जी आदि गुरु शंकराचार्य जी की गद्दी के साथ यह यात्रा पांडुकेश्वर से चलकर शाम को बदरीनाथ धाम में पहुचेगी। 15 मई को ब्रह्ममूर्त में बद्रीविशाल धाम के कपाट खुल जायँगे। 15 मई से नित्य भगवान बद्रीबिशाल जी के महाभिषेक में यह तिलों का तेल प्रयोग किया जाएगा। इस वर्ष कोरोना महामारी के चलते लॉक डाउन के नियमो को ध्यान में रखते हुए यात्रा में सीमित लोग ही शामिल हो पाए । कार्यक्रम का आयोजन भी बड़ी सादगी से आयोजित किया गया ।