देहरादून के राजपुर थाना क्षेत्र के एक बौद्ध मठ में पढ़ रहे नेपाली बच्चों के साथ मारपीट का मामला सामने आया है। आरोप है कि बच्चों ने दशहरे की छुट्टी और भोजन की शिकायत की थी। इसी कारण उन्हें बेरहमी के साथ पीटा गया। बच्चों को अमानवीय यातनाएं देने का भी आरोप है। आरोप है कि उनके पांव के नाखून तक उखाड़ दिए गए।
बौद्ध मठ में 47 बच्चों के साथ मारपीट के बाद सात बच्चे गायब हो गए हैं। हैरानी की बात यह है कि मठ की ओर से अब तक पुलिस के पास शिकायत तक नही की। दूसरी ओर, बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष उषा नेगी तीन बजे मठ पहुंची और पूछताछ की। बच्चों के भागने पर उन्होंने मठ प्रबंधन की कार्रवाई पर खरी खोटी सुनाई।
बताया जा रहा है कि 47 बच्चे मारपीट के शिकार हुए हैं। बच्चों के स्वजनों ने नेपाल के मानवाधिकार आयोग के पास मदद की गुहार और शिकायत की है। वह आज दून पुलिस से भी शिकायत कर सकते हैं। कांग्रेस नेता गोदावरी थापली ने बताया कि वह और देहरादून के गोर्खाली समाज के कुछ प्रबुद्ध लोगों के साथ मिल के वह इन बच्चों को छुड़ाने और बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इस संबंध में नेपाल एम्बेसी को सूचित किया जा रहा है। साथ ही आज दून पुलिस से भी शिकायत कर बच्चों की सुरक्षा की मांग की जाएगी।