कृषि कानून, श्रम कानून पर जारी विवाद के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर इनका समर्थन (PM Modi on Farm and Labour laws) किया है और दोनों को दूरगामी परिणाम देनेवाला बताया है. पीएम मोदी ने दावा किया कि दोनों ही बदलावों से निवेशकों में एक बड़ा और सकारात्मक संदेश गया है. पीएम मोदी ने कृषि, श्रम कानूनों के साथ-साथ कोरोना और अर्थव्यवस्था पर भी बात की.
पीएम नरेंद्र मोदी ने यह बात इकोनॉमिक टाइम्स को दिए एक्सक्लूजिव इंटरव्यू में कही है. कोरोना काल जब से शुरू हुआ है उसके बाद का पीएम मोदी का यह पहला एक्सक्लूजिव इंटरव्यू है. इसमें पीएम मोदी ने मानसून सत्र में पास करवाकर कानून बनाए गए श्रम और कृषि बिल पर बात की. साथ ही साथ आलोचकों और विपक्षी पार्टियों पर हमला बोला कि वे सरकार की छवि खराब करने की कोशिश कर रहे हैं.
श्रमिकों से ज्यादा श्रम कानून: पीएम मोदी
श्रम कानूनों पर बात करते हुए पीएम मोदी (PM Modi on Labour laws) ने बताया कि यह रोजगार देनेवाले और रोजगार पानेवाले दोनों के लिए ही फायदे का सौदा है. खबर के मुताबिक, पीएम ने कहा, ‘मजाक-मजाक में यह तक कहा जाता है कि फॉर्मल सेक्टर में भारत में मजदूरों से ज्यादा मजदूर कानून हैं. पहले से मौजूद श्रम कानून मजदूरों को छोड़कर बाकी सबकी मदद करते थे.’ मोदी ने कहा कि नए श्रम कानूनों से भारत को मैन्यूफेक्चरिंग हब बनाने में मदद मिलेगी.
क्या भारत ग्लोबल सप्लाई चेन में चीन की जगह लेगा? यह सवाल पूछे जाने पर पीएम मोदी ने कहा कि हमारे जो प्रयास हैं वह किसी दूसरे देश का विकल्प बनने के नहीं हैं. बल्कि ऐसा देश बनने के हैं जहां अनूठे अवसर हों.
इंटरव्यू में पीएम मोदी ने कोरोना वायरस पर बात की. वह बोले कि पहले से उठाए गए कदम, जल्दी लगाए गए लॉकडाउन से काफी जिंदगियों को बचाने में सफलता मिली. अर्थव्यवस्था पर बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें अभी भी उम्मीद है कि भारत 2024 तक 5 ट्रिलियन डॉलर की इकोनॉमी बन जाएगा.