श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर में लागू किए गए नए भूमि कानून के खिलाफ घाटी में पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) द्वारा निकाले जा रहे विरोध मार्च को पुलिस ने नाकाम कर दिया है। मार्च में शामिल पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) के पूर्व एमएलसी खुर्शीद आलम सहित कई नेताओं को पुलिस ने हिरासत में लेते हुए पीडीपी के श्रीनगर स्थित मुख्यालय को सील कर दिया है।
केंद्र सरकार के आदेश के खिलाफ पीडीपी नेताओं ने आज श्रीनगर पार्टी मुख्यालय से प्रेस एन्क्लेव तक आज विरोध रैली का आयोजन किया था। पार्टी के नेता विरोध मार्च में शामिल होने के लिए जैसे ही पार्टी मुख्यालय पहुंचे वहां पहले से ही तैनात पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
पुलिस की इस कार्रवाई का पीडीपी प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने विरोध किया है। अपने ट्विटर हैंडल पर पार्टी नेताओं की गिरफ्तारी का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा, “जम्मू और कश्मीर पुलिस ने आज पारा वाहिद, खुर्शीद आलम, राउफ भट, मोसिन क्यूम को उस समय हिरासत में ले लिया जब वे भूमि संबंधी कानूनों का विरोध करने के लिए एकत्र हुए थे। हम सामूहिक रूप से अपनी आवाज उठाना जारी रखेंगे और जनसांख्यिकी को बदलने के प्रयासों को बर्दाश्त नहीं करेंगे।
पार्टी कार्यकर्ताओं ने बताया कि खुर्शीद आलम वहीद पारा, सुहैल बुखारी, राउफ भट, मोहित भान सहित अन्य नेताओं को पुलिस ने पार्टी मुख्यालय से बाहर से ही हिरासत में ले लिया था। आपको जानकारी हो कि गत बुधवार को जम्मू में भी पीडीपी नेताओं ने भूमि कानून के विरोध में प्रदर्शन किया था।
पीडीपी प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने एक ट्वीट में यह जानकारी देते हुए लिखा कि श्रीनगर पार्टी कार्यालय को प्रशासन द्वारा सील कर दिया गया है। उनके नेता व कार्यकर्ता शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन कर रहे थे, परंतु सरकार उन्हें गिरफ्तार कर आवाज को दबाने का प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि जम्मू में भी गत बुधवार को इस तरह का विरोध प्रदर्शन किया गया था परंतु वहां प्रदर्शन की अनुमति दे दी गई थी, परंतु श्रीनगर में इसे विफल क्यों कर दिया गया? क्या यह ‘सामान्य स्थिति’ की आपकी परिभाषा है, जिसे दुनिया में दिखाया जा रहा है?