पिथौरागढ़: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शुक्रवार को सीमांत जिले में भाजपा के नवनिर्मित कार्यालय का उद्घाटन किया। इस दौरान जनसंघ के समय से पार्टी की विचारधारा से जुड़े व आपातकाल के समय जेल गए पार्टी के 30 वरिष्ठतम कार्यकर्ताओं को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बंशीधर भगत, संगठन महामंत्री अजेय द्वारा शाल व स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया गया।
शुक्रवार को पिथौरागढ़ पहुंचने पर छलिया नृत्य के साथ मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष का जोरदार स्वागत किया गया। इस मौके पर उन्होंने सर्वप्रथम पार्टी कार्यालय में संयुक्त रू प से झंडारोहण कर कार्यक्रम की शुरू आत की। इसके बाद पार्टी कार्यालय भवन में हवन यज्ञ में आहूति दी। इसके बाद नवनिर्मित कार्यालय भवन का शिलान्यास किया। इसके बाद पार्टी सभागार में कार्यकर्ताओं को संबोधित किया। मुख्यमंत्री रावत ने कहा कि भाजपा के तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने देश के हर जिले में आधुनिक पार्टी कार्यालय का निर्माण करने का लक्ष्य रखा था। उनकी इस परिकल्पना को साथ लेकर आज पिथौरागढ़ में भी भव्य कार्यालय बनकर कार्यकर्ताओं को समर्पित कर दिया गया है।
इसके लिए उन्होंने पार्टी जिलाध्यक्ष विरेंद्र वल्दिया व उनकी टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पार्टी में कार्यालय महत्वपूर्ण स्थान रखता है। इससे न केवल कार्यकर्ताओं को सकारात्मक ऊर्जा मिलती है, बल्कि समाज को भी मजबूती प्रदान होती है। आज कार्यालय के उद्घाटन अवसर पर तीन पीढि़यों का एक साथ मिलन हो रहा है। कार्यकर्ता ही पार्टी की रीढ़ होते हैं और कार्यालय पार्टी का पावर हाउस होता है। जहां कार्यकर्ता तैयार होते हैं और भविष्य में पार्टी के नेता बनते हैं। भाजपा में लोकतांत्रिक तरीके से काम किया जाता है। पार्टी में प्राथमिक इकाई से राष्ट्रीय स्तर तक का चयन होता है। भाजपा कार्यकर्ता आधारित पार्टी है। कार्यक्रम का संचालन जिला महामंत्री बीएल जोशी व महिमन कन्याल ने किया।
जिलाध्यक्ष विरेंद्र वल्दिया, दर्जा राज्य मंत्री केदार जोशी, शमशेर सत्याल, जिला पंचायत अध्यक्ष दीपिका बोहरा, विधायक पिथौरागढ़ चंद्रा पंत, विधायक डीडीहाट विशन सिंह चुफाल, विधायक गंगोलीहाट मीना गंगोला, जिला सहकारी बैंक अध्यक्ष मनोज सामंत, नगर पालिकाध्यक्ष राजेंद्र सिंह रावत, महिला मोर्चा प्रदेश उपाध्यक्ष मीनू बिष्ट, जिलाध्यक्ष माला सौन, दुग्ध संघ अध्यक्ष विनोद भट्ट, महेंद्र लुंठी, स्वामी वीरेंद्रानंद, राकेश देवलाल, गोलू पाठक, इंदर लुंठी आदि शामिल रहे।