देखिए उत्तराखंड दर्शन गीत से इतना खुश क्यों है स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी का परिवार

अल्मोड़ा: स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी रचित गीत जय जय हो देवभूमि के ट्रेलर के लॉन्च होने के बाद स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी के बेटे रमेश बाबू गोस्वामी बेहद खुश हैं। उनका कहना है कि जो काम मेरे पिताजी के जीवित रहते नहीं हो पाया उसको मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार और गायक रमेश भट्ट ने पूरा किया है। ये एक अधूरे सपने के पूरा होने जैसा है।

ये आज के दौर में ही संभव था कि गीत का फिल्मांकन इस रूप में किया जाए। गीत में जिस तरह का वर्णन मेरे पिताजी स्वर्गीय गोपाल बाबू गोस्वामी जी ने किया था, उसका सजीव चित्रण रमेश भट्ट कर पाए हैं। मेरे पिताजी का यह गीत 80 के दशक में बेहद हिट हुआ था लेकिन तब पहाड़ी गीतों के वीडियो बनाने बेहद मुश्किल थे। आज के तकनीकी युग में इसको साकार कर दिखाया रमेश भट्ट जी ने। मुझको बेहद खुशी है कि भट्ट जी ने इस गीत को मूल रूप से गाया और मूल रूप से उसका चित्रांकन किया। आज यह गीत उत्तराखंड दर्शन के रूप में देखा जा रहा है, जो कि पिताजी के वक्त पर संभव नहीं था।

जय जय हो देवभूमि गाकर और इसका फिल्मांकन कर रमेश भट्ट जी ने एक नया आयाम स्थापित किया है। नए दौर के गायकों में यह शिष्टाचार कतई नहीं है कि मूल रूप से गीत को रचने वाले रचनाकार की तरफ से भी अनुमति ली जाए। मैं आभार व्यक्त करना चाहूंगा भट्ट जी का कि उन्होंने इस गीत के लिए मेरी माताजी से अनुमति ली और खुद मुझसे बातचीत की। मैं अभिभूत हूं कि मेरे पिता का यह गीत अब और ज्यादा अजर-अमर होगा।

अब इस गीत से हमारी देवभूमि उत्तराखंड का भी भला होगा। यहां धार्मिक और सांस्कृतिक पर्यटन बढ़ेगा। इस गीत का जो फिल्मांकन आज के दौर में हुआ है उससे उत्तराखंड विश्व पटल पर और ज्यादा प्रबल तरीके से उभरेगा। मेरी शुभकामनाएं और हार्दिक बधाई है हर उत्तराखंडी को। हर उत्तराखंडी को यह गीत शेयर करना चाहिए। जय जय हो देवभूमि।

-रमेश बाबू गोस्वामी, स्व. गोपाल बाबू गोस्वामी के पुत्र

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