देहरादून। उत्तराखंड के बहुचर्चित सिडकुल घोटाले की जांच पुलिस महानिरीक्षक (आइजी) गढ़वाल अभिनव कुमार ने किसी भी हाल में एक माह के भीतर पूरी करने का निर्देश दिया है। आइजी ने जांच की धीमी प्रगति पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा है कि अब इसमें शिथिलता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। विवेचक जल्द से जल्द जांच पूरी कर आवश्यक कार्रवाई को आगे बढ़ाएं।
शुक्रवार को आइजी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विभिन्न जिलों में हुए घोटाले की जांच कर रही एसआइटी के विवेचना अधिकारियों के साथ बैठक कर समीक्षा की। आइजी ने देहरादून की लंबित 12, हरिद्वार की सात, ऊधमसिंह नगर की 12, नैनीताल की छह, अल्मोड़ा की दो, पिथौरागढ़ की दो, पौड़ी गढ़वाल की 12, टिहरी की चार और उत्तरकाशी की एक पत्रवली की समीक्षा की।
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अपर पुलिस अधीक्षक ऊधमसिंह नगर देवेन्द्र सिंह पींचा, अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार प्रदीप कुमार राय, अपर पुलिस अधीक्षक नैनीताल राजीव मोहन, सीओ देहरादून भूपेन्द्र सिंह धौनी, सीओ हरिद्वार अभय प्रताप सिंह, सीओ टिहरी प्रमोद शाह, सीओ अल्मोड़ा वीर सिंह आदि शामिल हुए।
सिडकुल घोटाले पर एक नजर
वर्ष 2012 से 2017 के बीच सिडकुल ने उत्तराखंड के विभिन्न जिलों में निर्माण कार्य कराए थे। इसमें मानकों के विपरीत उत्तर प्रदेश राजकीय निर्माण निगम को ठेके दिए जाने का आरोप है। निर्माण कार्यो के ऑडिट में सरकारी धन के दुरुपयोग, वेतन निर्धारण व विभिन्न पदों पर भर्ती में अनियमितता करने के तथ्य सामने आए थे। इसकी जांच के लिए शासन स्तर से फरवरी 2019 में पुलिस महानिरीक्षक गढ़वाल परिक्षेत्र की अध्यक्षता में एसआइटी का गठन किया था। सूत्रों के मुताबिक यह घपला करीब पांच सौ करोड़ का है।