अल्मोड़ा: जिले में कोरोनाकाल में महानगरों से नौकरी छोड़ अपने गांव लौटे प्रवासी युवा अब कृषि व उद्यानीकरण से स्वरोजगार की राह अपना रहे हैं. प्रवासी युवाओं के इस मुहिम में उद्यान विभाग उनके लिए सहायक बन रहा है. जिले के खूट धामस क्षेत्र में बाहर से लौटे प्रवासी युवा उद्यान विभाग के सहयोग से बंजर भूमि में बागवानी का एक मॉडल विकसित करने में जुटे हैं, जो जिले के सबसे बड़े स्वरोजगार के मॉडल के रूप में देखा जा रहा है.
इसके लिए उन्होंने बंजर पड़ी 50 नाली भूमि को लीज में लिया है. जिसमें वह उद्यान का एक मॉडल विकसित करने में जुटे हुए हैं. रणजीत बिष्ट का कहना है कि वह इस जगह पर सब्जियां,अखरोट, मशरूम समेत फूलों का उत्पादन करने में जुटे हुए हैं. अभी बंजर जमीन में खेत तैयार किये जा रहे हैं जल्द ही पौध रोपित किए जाएंगे. वह पॉलीहाउस में उद्यान विभाग से बीज लेकर पेड़ उगा रहे हैं.
आत्मविश्वास से लबरेज रणजीत बिष्ट कहते हैं कि वह अब अपने गांव में एक स्वरोजगार का मॉडल विकसित कर गांव का नाम रोशन करना चाहते हैं. साथ ही आगे अन्य युवाओं को भी इस तरह के स्वरोजगार के लिए प्रेरित करेंगे. वहीं मुख्य उद्यान अधिकारी टी एन पांडेय ने बताया कि जिले में उद्यान विभाग द्वारा अब तक 76 प्रवासियों को लाभान्वित किया गया है.
उन्होंने बताया कि विगत दिनों धामस क्षेत्र में उद्यान विभाग द्वारा सब्जी, मसाले, मशरूम, फल उत्पादन के लिए 50 युवाओं को ट्रेनिंग दी गई है. जिसके बाद कई युवा अब इस क्षेत्र में अपना स्वरोजगार अपना रहे हैं. उन्होंने बताया कि धामस क्षेत्र में युवा प्रवासी द्वारा बागवानी विकसित की जा रही है. उन्होंने बताया कि अभी जिले में 38 लोग सब्जी उत्पादन, 10 लोग मशरूम उत्पादन, 12 लोग मौन पालन, 5 लोग फल उत्पादन से जुड़े हैं.