चमोली: जिला मुख्यालय गोपेश्वर स्थित घिंघरांण में राजकीय पॉलिटेक्निक कॉलेज अब पूरी तरह से बंद होने के अंतिम दौर में आ गया है. शासन द्वारा मिले निर्देशों के बाद कॉलेज प्रबंधन ने यहां अध्ययनरत सभी छात्रों को अन्य नजदीकी कॉलेजों में शिफ्ट कर दिया है. यहां कार्यरत स्टाफ भी अपने आप को अन्यत्र नजदीकी कॉलेजों में समायोजित करने के सरकारी आदेशों का इंतजार कर रहा है.
जिसके बाद से यहां छात्रों की संख्या में लगातार गिरावट आनी शुरू हो गई. अब कॉलेज के पास भवन तो है, लेकिन ट्रैड के आभाव में छात्र नहीं हैं. जो छात्र थे भी उनको निदेशालय के आदेशों के बाद अन्यत्र कॉलेजों में शिफ्ट कर दिया गया है. कॉलेज में छात्र न होने से कक्षाए और कंप्यूटर लैब भी सुनी पड़ी हुई है. कॉलेज बंन्द होने से छात्र अपने और पॉलिटेक्निक की चाह रखने वाले छात्रों के भविष्य को लेकर चिंतित है.
उनका कहना है कि अगर मौजूदा सरकारें कॉलेज को बंद करने की बजाए इन कॉलेजों में ट्रेड बढ़ाती तो इन्हें बंद करने की नौबत नहीं आती. वहीं, कॉलेज में बीते 8 सालों से संविदा पद कर सफाई कर रहे राजकुमार भी कालेज बंद होने से काफी परेशान हैं.
पॉलिटेक्निक कॉलेज बंद होने की खबर सुनकर यहां के स्थानीय लोगों में खासी निराशा है. लोगों का कहना है कि सरकारों के द्वारा योजनाबद्ध तरीके से पहले महत्वपूर्ण ट्रेड बंद किए गए. अब कॉलेज को ही बंद करवा दिया गया है. जिससे कॉलेज के आसपास रहने वाले लोगों का भी रोजगार खत्म हुआ है.
पॉलिटेक्निक कॉलेज गोपेश्वर की प्रभारी प्रधानाचार्य का कहना है कि निदेशालय के आदेशों के क्रम में न्यून छात्र संख्या को देखते हुए यहां अध्ययनरत छात्रों को नजदीकी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में शिफ्ट किया गया है. अब यहां मौजूदा समय में कोई भी छात्र अध्ययनरत नहीं है. कर्मचारियों को लेकर अभी तक कोई आदेश निदेशालय की तरफ से नहीं पहुंचा है.