चम्पावत में 13 हजार प्रवासियों को मनरेगा से मिला रोजगार

चम्पावत : कोविड-19 काल में बाहरी जिलों एवं राज्यों से घर लौटे चम्पावत जिले के 13 हजार से अधिक प्रवासियों को मनरेगा से रोजगार मिला है। जिले के चारों विकास खंडों में अगस्त माह तक 25 हजार प्रवासी अपने घरों को लौटे, जिनमें से 16 हजार से कुछ अधिक लोगों के जॉब कार्ड बनाए गए। ग्राम्य विकास विभाग ने इनमें से अधिकांश लोगों को उनके गांवों में ही मनरेगा से रोजगार उपलब्ध करा दिया है।

चम्पावत, लोहाघाट, पाटी एवं बाराकोट विकास खंडों में लॉकडाउन के दौरान बाहरी राज्यों एवं जिलों से 25 हजार से अधिक प्रवासी लौटे हैं। राज्य सरकार के निर्देश पर जिले में प्रवासियों को मनरेगा में रोजगार देने के लिए वृहद स्तर पर जॉब कार्ड बनाए जा रहे हैं। चम्पावत में 3470 नए जॉब कार्ड बनाए गए हैं। इनमें 500 प्रवासियों को उनके परिवार के ही जॉब कार्ड में शामिल किया गया है। इसी प्रकार लोहाघाट में 3694, पाटी में 4361 तथा बाराकोट विकास खंड में 4790 के करीब नए जॉब कार्ड बने हैं जिनमें से 2000 से अधिक लोगों को परिवार के जॉब कार्ड में शामिल किया गया है।

जॉब कार्ड बनाने की प्रक्रिया अभी गतिमान है। लोहाघाट में 3554, पाटी में 3887, बाराकोट में 2256 तथा चम्पावत में 3321 प्रवासियों को जॉब कार्ड के आधार पर रोजगार दे दिया गया है। ये सभी प्रवासी अपने-अपने गांवों में चल रहे भूमि सुधार, जल संरक्षण, संपर्क मार्ग निर्माण, वनीकरण आदि कार्य कर रहे हैं। कोविड-19 के कारण मनरेगा के कई कार्यों का पैसा शुरूआत समय से नहीं मिल पाया जिससे कुछ दिक्कतें हुईं लेकिन अब सभी प्रस्तावित योजनाओं की धनराशि समय पर आ रही है। लोहाघाट की डीपीओ रचना कोरंगा ने बताया कि लोहाघाट ब्लाक में लक्ष्य से अधिक प्रवासियों एवं अन्य बेरोजगारों को मनरेगा से काम दिया जा चुका है।

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