250 करोड़ की़ ठगी करने वाली महिला को दिल्ली पुलिस ने गोवा से किया गिरफ्तार

दिल्ली पुलिस (Delhi Police) की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) ने दक्षिण गोवा के एक रिसॉर्ट से कथित तौर पर सैकड़ों लोगों से करोड़ों (Duping Crores) की ठगी करने के आरोप में एक 47 साल की एक महिला को गिरफ्तार किया है. यह महिला (Women) लोगों से करोड़ों की़ ठगी करने के बाद से फरार थी, पुलिस (Police0 ने एक गुप्त सूचना के आधार पर महिला ठग को गिरफ्तार (Arrest) किया.

ईओडब्लू (EOW) ने एक बताया कि महिला के पासे से हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) के नंबर प्लेट वाली एस एसयूवी (SUV) भी जब्त की है, यह कार (Car) ठगी के पैसों से खरीदी गई थी. आरोपी महिला (Accused Women) को निचली अदालत में पेश किया जाएगा.  ईओडब्ल्यू की विज्ञप्ति के मुताबिक मेसर्स एसएमपी विदेशी मुद्रा प्राइवेट लिमिटेड की महिला निदेशक (Women Director) के खिलाफ धर्मेंद्र नाम के पीड़ित शख्स ने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज की थी.

फर्जी कंपनी के जरिए लोगों से की करोड़ों की ठगी

पीड़ित ने कंपनी के अन्य निदेशकों और पदाधिकारियों पर भी धोखाधड़ी का आरोप लगाया और कहा कि वह लोगों को 200 गुना तक ज्यादा मुनाफा का लालच देकर उन्हें अपना शिकार बनाते थे. पीड़ित धर्मेंद्र ने दिल्ली-गाजियाबाद स्थित कंपनी पर 900 से ज्यादा लोगों से करीब 250 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई.

सभी पीड़ितों ने अपनी शिकायत में कहा कि हैलो टैक्सी के नाम से फेमस मेसर्स एसएमपी इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड एक एप आधारित कंपनी है, जो लोगों को 200 प्रतिशत मुनाफा का झांसा देकर निवेश करने के लिए मजबूर करती है, और बाद में उनका पैसा लेकर फरार हो जाती है.

पुलिस ने जब्त किए 3.27 करोड़, कई गाड़ियां

ईओडब्लू ने शिकायत के आधार पर 1 जून, 2019 को सरोज महापात्रा, राजेश महतो, सुंदर भाटी और हरीश भाटी समेत महिला और अन्य निदेशकों-पदाधिकारियों के खिलाफ धारा 406, 409 के तहत प्राथमिकी दर्ज की थी. इसके साथ ही पुलिस ने कंपनी के अलग-अलग खातों से 3.27 करोड़ रुपये भी जब्त किए थे , इसके अलावा 3.5 करोड़ रुपये की 60 नई कारें भी जब्त की गई.

ईओडब्ल्यू ने कहा कि जांच में यह पाया गया कि कंपनी ने भारतीय रिजर्व बैंक या सेबी के अप्रूवल लिए बिना निवेशकों से बुकिंग स्वीकार कर ली. कथित कंपनी ने शुरुआत में निवेशकों का विश्वास जीतने के लिए रिटर्न दिया , लेकिन ज्यादा पैसा ऐंठने के बाद अपने ऑफिसों को बंद करके वह फरार हो गए.

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