देहरादून। राज्य माल और सेवाकर विभाग (स्टेट जीएसटी) की टीम ने दून के दो बिल्डरों पर छापा मारा। बिल्डरों के 10 ठिकानों पर की गई छापेमारी में प्रारंभिक चरण में ही 100 करोड़ रुपये के टर्नओवर पर टैक्स चोरी पकड़ी गई है। बिल्डरों के ठिकानों से बड़ी संख्या में दस्तावेज कब्जे में लिए गए हैं, जिनकी जांच शुरू कर दी गई है।
दरअसल, स्टेट जीएसटी की एसआइबी (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन विंग) ने आयुक्त राज्य कर इकबाल अहमद और अपर आयुक्त अनिल सिंह के निर्देश पर दोनों बिल्डरों के 10 ठिकानों पर एक साथ छापा मारा। टीम ने बिल्डरों से संबंधित रेसकोर्स, कालिदास रोड, डालनवाला, जीएमएस रोड, राजपुर रोड, बलबीर रोड आदि के ठिकानों पर जांच-पड़ताल की। पता चला कि दोनों बिल्डर लंबे समय से टैक्स चोरी कर रहे हैं। फ्लैट बेचे जा रहे हैं, लेकिन जीएसटी जमा नहीं किया जा रहा। एक बिल्डर का जीएसटी रजिस्ट्रेशन कैंसिल हो चुका था, जबकि एक ने रजिस्ट्रेशन ही नहीं कराया था। बिक्री के आधार पर प्रारंभिक चरण में ही करीब 100 करोड़ रुपये के टर्नओवर पर टैक्स चोरी का अनुमान है। अभी बिल्डरों के बैंक खातों की कुंडली बाचने का काम शेष है।
उपायुक्त यशपाल सिंह ने बताया कि जांच अभी जारी है। टैक्स चोरी का ग्राफ और ऊपर जा सकता है। कुछ और रियल एस्टेट कारोबारी भी विभाग के राडार पर हैं। इनकी जांच चल रही है। जल्द अन्य पर भी छापे की कार्रवाई की जाएगी। छापेमारी में सहायक आयुक्त जयदीप सिंह रावत, राज्य कर अधिकारी सुनील रावत, धीरेंद्र कुमार, मोनिका पंत, पराक्रम प्रसाद, संगीत बिजल्वाण, भुवन पांडे, विनय पाडे समेत 35 कार्मिक शामिल रहे।
16 लाख जमा कराए
जीएसटी की छापेमारी के दौरान कार्रवाई से बचने के लिए बिल्डरों ने 16 लाख रुपये मौके पर ही जमा करा दिए। शेष राशि जल्द जमा कराने की बात कही गई।
फ्लैट बड़ा, आकार दिखा रहे कम
छापे के दौरान अधिकारियों ने पाया कि बिल्डर फ्लैट बेचते समय उसका आकार कम दिखा रहे हैं। इससे वह रजिस्ट्री (स्टांप ड्यूटी) और अन्य स्तर पर सरकार को चूना लगा रहे हैं और फ्लैट की लागत भी कम दिखाकर जीएसटी में हेरफेर कर रहे हैं। दूसरी तरफ बड़े कॉम्प्लेक्स में दुकानों का किराया भी कम दर्शाकर जीएसटी की चोरी की जा रही है।