पटना में एनआईए ने पूर्णिया हथियार मामले (Purnea Arms Case) में आरोपी चंद्र विजय प्रताप उर्फ सुशील के ठिकानों और कंपनी पर छापेमारी की. एनआईए (NIA) ने शानमारियो फार्मास्यूटिकल प्राइवेट लिमिटेड पर भी छापा मारा, जिसका डायरेक्टर विजय प्रताप है. आरोप है कि विजय प्रताप (Vijay Pratap) ने आतंकी संगठन एनएससीएन समेत कई संदेहास्पद लोगों के साथ बड़े पैमाने पर पैसों का लेनदेने किया था. अधिकारियों ने बताया कि छापेमारी में लेनदेन संबंधी कई संदिग्ध दस्तावेज बरामद हुए हैं.
जांच एजेंसी के अधिकारी ने बताया कि 7 फरवरी 2019 को एक एसयूवी गाड़ी से पुर्णिया पुलिस ने बड़े पैमाने पर हथियार बरामद किए थे, जिसके बाद ये मामला सामने आया. मामले में पुलिस ने तीन गिरफ्तारियां की थी, जिसमें सूरज प्रसाद, वी काहोरगम और क्लियरसन काबो नामक शख्स शामिल थे.
पुलिस को गाड़ी से दो ग्रेनेड लॉन्चर, एक एके-47 और 1800 कारतूस मिले थे. मामले को एनआईए को सौंप दिया गया, जिसके बाद एक एफआईआर फिर दर्ज की गई. जांच के दौरान 4 लोगों को गिरफ्तार किया था, जिनके नाम त्रिपुरारी सिंह, मुकेश सिंह, निंगखान सनघटम और संतोष सिंह बताए गए. एनआईए कोर्ट के सामने 7 लोगों के खिलाफ आरोप पत्र भी दाखिल कर चुकी है.
अधिकारी ने बताया कि जांच में पता चला कि आतंकी संगठन एनएससीएन आईएम के आतंकवादियों को बिहार का एक हथियार डीलर बड़े पैमाने पर हथियार पहुंचा रहा था. इस डीलर के तार निंगखान समघटम से जुड़े थे, जो खुद को आतंकी संगठन का मेजर बताता था.
जांच एजेंसी ने बताया कि निंग खान और आरोपी विजय प्रताप के बड़े पैमाने पर लेनदेन के साक्ष्य मिले थे, जिसके आधार पर ये छापेमारी की गई. अधिकारी ने छापेमारी में कई अहम संदिग्ध दस्तावेजों के बरामद होने का दावा किया है और कहा कि मामले की जांच अभी जारी है.